शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि अब सरकारी स्कूलों में मोबाइल पूरी तरह से बैन किया जाएगा। इसके पीछे उनका तर्क है कि स्कूलों में टीचर पूरे दिन मोबाइल पर शेयर मार्केट और ना जाने क्या-क्या देखते रहते हैं। टीचर्स उसमें उलझे रहते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता हैं। उन्होने कहा कि मोबाइल एक बीमारी सा हो गया है।
लेकिन अब सरकारी अध्यापकों को स्कूल में मोबाइल लाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं अगर कोई अध्यापक गलती से मोबाइल लेकर आ जाता है तो उसे अपना मोबाइल प्रिंसिपल के पास जमा कराना होगा। केवल प्रिंसिपल को ही स्कूल में मोबाइल लाने की अनुमति होगी।
इमरेजेंसी की स्थिति में प्रिसिंपल को फोन आएगा, वो अध्यापक को सूचना देगा अथवा अगर किसी से बात करानी होगी तो कराएगा। लेकिन अध्यापक को किसी भी हाल में स्कूल में मोबाइल लाने की अनुमति नहीं होगी। इससे अभी तक स्टूडेंट की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा था, वो बचेगा।
पढ़ाने से पहले पढ़कर स्कूल आए टीचर्स
शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि हम कोई बड़े फैसले नहीं ले रहे हैं। जो पहले से नियम बने हुए हैं। उनकी पालना करवाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक स्कूल में पढ़ाते है, लेकिन पढ़ाने से पहले टॉपिक को पढ़कर स्कूल जाए। जिससे स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान ठीक प्रकार से कर सके।
उन्होंने कहा कि हम नियमों की पालना करवाकर स्कूलों में वातावरण सही करने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकतर स्कूलों के खेल के मैदान में अतिक्रमण हैं। उन सभी अतिक्रमण को हटाने का काम हमने अभियान के रूप शुरू कर दिया हैं। इस तरह से जो छोटी-छोटी समस्याएं थी। उनका निराकरण करने का हम काम कर रहे हैं।
पूज़ा और नमाज़ के नाम पर स्कूल नहीं छोड़ेंगे टीचर्स
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अब टीचर्स भैरूजी, बालाज़ी की पूजा और नमाज़ पढ़ने के नाम पर विद्यालय नहीं छोड़े। यदि उनको जाना है तो छुट्टी लेकर जाए। लिखित में रजिस्टर में एंट्री करके जाए।
उन्होंने कहा कि अभी तो हम मौखिक रूप से अथवा नोटिस देकर छोड़ रहे हैं। टीचर्स ने सुधार नहीं किया तो हम निलम्बन से लेकर बर्खास्तगी तक की भी कार्रवाई उनके खिलाफ कर सकते हैं।
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