कोटा में पिता ने अपने 10 साल के इकलौते बेटे की चाकू मारकर हत्या कर दी। आरोपी पिता का रसोई में पत्नी से झगड़ा चल रहा था। उसने गुस्से में आकर पत्नी के हाथ पर चाकू मार दिया। मां की चीख सुनकर बेटा बचाने गया तो पिता ने उसकी जान ले ली। इसके बाद खुद को भी जख्मी कर लिया।
वारदात बोरखेड़ा थाना इलाके की दोपहर करीब एक बजे की है। मां के फोन करने पर रिश्तेदार घर पहुंचे और तीनों को एमबीएस हॉस्पिटल लेकर गए। इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। घायल पति-पत्नी का इलाज चल रहा है। बेटे की मौत से बेखबर मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह रोते हुए बोली- 'मेरे बेटे को एक बार मुझे दिखा दो, मुझे किसी पर भरोसा नहीं हो रहा है। मेरा बेटा ठीक तो है.. अगर उसे कुछ हो गया तो यहीं अस्पताल में फंदा लगा लूंगी'।
पति-पत्नी में झगड़े के बाद बेटे की हत्या
नया नोहरा इलाके में रहने वाले जसवंत और उनकी पत्नी मूर्ति के बीच आज दोपहर झगड़ा हुआ था। घर में पति-पत्नी और 10 साल का बेटा लविश ही थे। हॉस्पिटल में भर्ती बच्चे की मां मूर्ति ने बताया- मेरा पति मुझे आए दिन मारता है। रोज झगड़ा करता है। धमकी देता है कि वह हम दोनों को मार देगा।
मूर्ति ने कहा- मैं दोपहर में रसोई में खाना बना रही थी। इतने में वह आया और आकर मेरे साथ मारपीट करने लग गया। चाकू लिया और मुझे नीचे गिराकर मारने लगा। शोर सुनकर बेटा लविश बचाने आया तो उसे पकड़कर चाकू मार दिया। इतने में मैंने अपनी मां और भाई को कॉल किया और घटना के बारे में बताया। इसके बाद घरवाले मौके पर पहुंचे और हमें हॉस्पिटल पहुंचाया।
'मेरा बेटा मुझे दिखा दो...'
एमबीएस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मूर्ति को लाया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस जब उनका बयान ले रही थी। साइड में सीपीआर रूम में बेटे को बचाने की कोशिश हो रही थी। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका। उसकी पीठ पर चाकू से वार लगा था। गर्दन पर भी चोट थी। इस दौरान मां बार-बार अपने बेटे के बारे में पूछती रही। उसे बेटे की मौत के बारे में नहीं बताया गया।
रिश्तेदार किसी तरह बहला रहे हैं, लेकिन मां का दिल नहीं मान रहा। लविश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। आरोपी जसवंत के माता-पिता अजमेर में रहते हैं। जसवंत भी इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है।
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