शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में आज 40 दिन पूरे हो गए हैं। वे जमानत पर रिहा होंगे या नहीं, इस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। केजरीवाल की तरफ से अपनी गिरफ्तारी के विरोध में दायर की गई याचिका पर भी आज सुनवाई होगी।
7 मई को हुई सुनवाई में लंच से पहले तक कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत की शर्तें तय कर ली थीं। अदालत ने ED से कहा था कि चुनाव चल रहे हैं और केजरीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव 5 साल में एक बार आते हैं।
इसके बाद अदालत ने केजरीवाल से कहा कि अगर आपको जमानत दी जाती हैं तो आप ऑफिशियल ड्यूटी नहीं करेंगे। चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। हालांकि, 7 मई को बेंच बिना फैसला सुनाए ही उठ गई थी। बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने 8 मई को कहा कि हम 10 मई को जमानत पर फैसला सुनाएंगे।
इसके बाद 9 मई को ED ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें ED ने सुप्रीम कोर्ट के चुनाव वाले तर्क पर कहा कि केजरीवाल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इससे पहले किसी नेता को प्रचार के लिए न्यायिक हिरासत से जमानत नहीं मिली है। प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है।
केजरीवाल की लीगल टीम ने ED के हलफनामे पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में एक शिकायत दर्ज कराई है। इसमें हलफनामे को कानून की अवमानना बताया गया। खासकर ये देखते हुए कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला होना है और हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी लिए बिना पेश किया गया है।
7 मई से पहले सुप्रीम कोर्ट में 4 बार सुनवाई हुई
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