शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने उन्हें हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत दी है। हाईकोर्ट ने 14 मई को यह फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह केस सत्ता के दुरुपयोग का है। इनका मकसद था, ऐसी पॉलिसी बनाना जो कुछ लोगों के लिए फायदेमंद रहे और जिससे इन्हें कुछ मुनाफा मिलता रहे। याचिकाकर्ता के ऐसी पॉलिसी डिजाइन करने की इच्छा करते ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जो सबूत सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि सिसोदिया ने अपने मुताबिक नतीजे दिखाने के लिए पब्लिक फीडबैक में छेड़छाड़ की। सिसोदिया ने अपनी ही बनाई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को भी दरकिनार कर दिया।
वहीं, आज ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी। सिसोदिया करीब 15 महीने से तिहाड़ में बंद हैं। उन्हें CBI ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। वहीं, ED ने 9 मार्च 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
हाईकोर्ट ने ED-CBI से जमानत को लेकर अपना जवाब मांगा था
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, इस दिन कोर्ट ने सिसोदिया को बड़ी राहत देते हुए हफ्ते में 1 बार पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी।
इसके बाद मामले की अगली सुनवाई 7 मई को हुई। तब हाई कोर्ट ने ED और CBI दोनों को सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। इस दौरान ED ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और कहा कि इस मामले में लो आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगी। 14 मई को सिसोदिया की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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