उदयपुर के जगदीश मंदिर में भगवान जगन्नाथ दो दिन पहले बीमार हो गए हैं। अब उनको नियमित काढ़े का भोग लगाया जा रहा है जो अनवरत 15 दिन चलेगा। बरसों से निभाई जा रही इस परम्परा के तहत अब भगवान ठीक होकर सात जुलाई को उदयपुर नगर के भ्रमण पर निकलेंगे और वह खास दिन होगा जगन्नाथ रथयात्रा का...
असल में उदयपुर के जगदीश चौक में स्थित जगदीश मंदिर में भी पुरी की तर्ज पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की जाती है और उसी तर्ज पर यहां पर विशाल जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाती है।
जेष्ठ पूर्णिमा के मौके पर भगवान को 108 घड़ों से स्नान कराया गया, इसके पीछे पुजारी कहते हैं कि भगवान को भी ज्येष्ठ महीने की गर्मी सहन नहीं होती इसलिए उन्हें यह खास स्नान कराया जाता है। इसके बाद भगवान बीमार हो जाते हैं और उन्हें 15 दिनों तक काढ़े का भोग लगाया जाता है। अब अगले 16 दिन ठाकुरजी आराम करेंगे।
मंदिर के वंशानुगत पुजारी रामगोपाल बताते हैं कि जगदीश मंदिर में यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से निभाई जा रही है। इसमें भगवान को दूध, दही, शहद, केसर और जल से स्नान कराया गया। इसके बाद भगवान बीमार हो गए हैं।
पुजारी रामगोपाल 108 घड़ों से स्नान के बाद काढ़े का भोग लगाया जा रहा है। मंदिर में आने वाले भक्तों भी यह देशी जड़ी बूटियों से बने काढ़ा पिलाया जा रहा है। 15 दिनों तक भगवान बीमार रहते हैं।
ठीक हो कर निकलते है नगर भ्रमण पर
पुजारी बताते है कि स्वास्थ्य लाभ के बाद ठाकुरजी आषाढ़ी बीज पर 7 जुलाई को नगर भ्रमण पर निकलेंगे। उसी दिन उदयपुर शहर के जगदीश चौक से भव्य जगन्नाथ रथयात्रा निकलेगी जिसमें हजारों की संख्या में शहरवासी शामिल होते हैं।
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