अजमेर में 18 जून को लापता हुए 20 साल के संविदाकर्मी का शव कुएं में मिला तो ग्रामीणों ने कुएं के पास ही धरना दे दिया। पुलिस को शव नहीं निकालने दिया। आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़के की तलाश में लापरवाही बरती। ऐसे में आरोपियों ने उसका मर्डर कर कुएं में फेंक दिया। रविवार को पुलिस के उच्च अधिकारियों ने पुलिस की लापरवाही को माना और थाना इंचार्ज व हेड कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया।
ब्यावर एसपी नरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया- मामला जिले के बिजयनगर थाना इलाके का है। थाना इलाके के बहादुरपुरा गांव निवासी दिलखुश गुर्जर (20) पुत्र गिरधारी 18 जून को घर से पैदल निकला था। उसका शव शनिवार दोपहर को नजदीकी गांव जयसिंहपुरा में कुएं में मिला। दिलखुश बिजयनगर नगरपालिका में संविदाकर्मी था।
मामले में शनिवार पूरी रात परिजन व ग्रामीण कुएं के पास धरना देकर बैठे रहे। रविवार सुबह आईजी के निर्देश पर ब्यावर एसपी ने लापरवाही मानते हुए बिजयनगर थाना प्रभारी करण सिंह खंगारोत व हेड कॉन्स्टेबल विजेन्द्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। इसके बाद कुएं से बॉडी निकाली गई।
दिलखुश के भाई ओम प्रकाश गुर्जर ने बताया- दिलखुश 18 जून को घर से निकला। आखिरी बार उसने फोन पर चेतन गुर्जर नाम के युवक से बात की थी। चेतन भीलवाड़ा के कानिया गांव का रहने वाला है। वह खेती-बाड़ी करता है। बिजयनगर थाने में 19 जून को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने चेतन को थाने लाकर पूछताछ की और छोड़ दिया। शनिवार सुबह बिजयनगर तहसील दफ्तर पहुंचे और तहसीलदार शिल्पा चौधरी को ज्ञापन सौंपकर सुराग नहीं लगने पर रोष भी जताया। ज्ञापन सौंपने के 4 घंटे बाद दोपहर को पुलिस को कुएं में लाश होने की सूचना मिली। कुएं के पास दिलखुश के जूते मिले।
परिजनों और ग्रामीणों ने घटनाक्रम का खुलासा करने, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। डिप्टी सज्जन सिंह एवं तहसीलदार चौधरी से बात के दौरान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, इसमें कहा गया कि दिलखुश का मर्डर कर कुएं में फेंका गया है।
सूचना पर तहसीलदार शिल्पा चौधरी, उप पुलिस उपाधीक्षक सज्जन सिंह सहित तीन थानों का पुलिस जाब्ता पहुंचा। एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंची।
ग्रामीणों ने रखी थी ये मांगें
ग्रामीणों ने बिजयनगर थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत को सस्पेंड करने, पोस्टमॉर्टम उच्चस्तरीय मेडिकल बोर्ड-एफएसएल से कराने, सीबीआई को मामला सौंपने, बिजयनगर थाने के अलावा दूसरी टीम से मामले की जांच कराने, परिवार को 50 लाख का आर्थिक मुआवजा देने व चेतन गुर्जर को गिरफ्तार करने की मांग की। शनिवार रातभर ग्रामीण धरने पर बैठे रहे। रविवार सुबह पुलिस के उच्च अधिकारियों ने जब उन्हें एसएचओ और हेड कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर करने व बाकी मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया तो वे शव निकालने को तैयार हुए।
आज बॉडी निकालकर बिजयनगर हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी पहुंचाया गया है। जहां पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की गई।
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