जयपुर में महिला बैंक मैनेजर को वीडियो कॉल पर धमकाकर 17 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। बदमाशों ने पीड़िता को कॉल कर खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का मैनेजर और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। स्काइप के जरिए पांच घंटे तक वीडियो कॉल पर बंधक (डिजिटल अरेस्ट) बनाकर रखा। महिला ने अपनी एफडी तोड़कर रुपए बदमाशों के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
पीड़िता की रिपोर्ट पर जयपुर कमिश्नरेट में बने साइबर थाना पुलिस ने इस मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला 5 घंटे तक ठगों के सामने ऑनलाइन बैठी रही। जो बदमाशों ने कहा वह करती रही।
साइबर थाना पुलिस ने बताया- घटना 20 जून की है। महिला बैंक मैनेजर अपने घर से बैंक के लिए जा रही थी। इस दौरान सुबह 10.44 बजे मोबाइल पर एक कॉल आया। महिला घर पर ही रुक गई। कॉल करने वाले ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का मैनेजर राजीव बताया। राजीव ने बताया- उनके आधार कार्ड से महाराष्ट्र में कोई मोबाइल सिम जारी हुई है। इससे अवैध गतिविधियां की जा रही हैं।
खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया
पीड़ित ने मना किया की उसके आधार से एक ही सिम जारी है। इसका वह उपयोग कर रही है। इस पर साइबर ठग राजीव ने कॉल कथित मुंबई पुलिस के पास ट्रांसफर कर दी। कॉल लेने वाले ने खुद का नाम विनय खन्ना बताया। विनय ने दूसरे नम्बर से कॉल कर कहा- यह मुंबई पुलिस है। आपको स्काइप साफ्टवेयर अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करना होगा। जिस पर महिला ने एप डाउनलोड कर बात करनी शुरू दी।
कहा- पैसा ट्रांसफर करना होगा, नहीं तो गलत होगा
आरोपी ने महिला बैंक मैनेजर से कहा- उनके बारे में शिकायत मिली है। जो नम्बर यहां पर एक्टिव है, वह उनके आधार कार्ड से लिया गया है। आरोपी ने पीड़िता के खाते की जानकारी मांगी। महिला ने घबराते हुए जानकारी दे दी। इस पर आरोपी ने धमकाया और कहा कि आप को अभी एक ट्रांजेक्शन करना होगा।
इसके बाद आरोपियों ने महिला से 20 लाख रुपए की डिमांड की। महिला ने अपनी एफडी तोड़ी और 17 लाख रुपए बदमाशों के खाते में डाल दिए। शाम करीब 4.10 बजे बदमाशों ने और 3 लाख रुपए मांगे। कहा- यह पैसा नहीं दिया तो 17 लाख रुपए डूब जाएंगे। इस पर महिला ने एप को बंद कर अपने परिवार को जानकारी दी।
5 घंटे ऐसे धमकाते रहे बदमाश
महिला सुबह 10.44 बजे से शाम 4.10 बजे तक घर पर कमरे में वीडियो कॉल के सामने बैठे रही। आरोपियों ने महिला बैंक मैनेजर के सिम की झूठी कहानी सुनाई। महिला को धमकी दी गई सिम से गलत काम किए जा रहे हैं। सिम से हो रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी दी। बदमाशों ने महिला को कई दस्तावेज ऑनलाइन दिखाए। इन दस्तावेज में महिला के बारे में डिटेल जानकारी थी। इससे महिला को विश्वास हो गया कि यह किसी केन्द्रीय एजेंसी का फोन है। इस दौरान महिला को कमरे में बंद देख परिवार ने दरवाजा खटखटाकर पूछा तो बोली सीबीआई वाले पूछताछ कर रहे हैं।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट
सामने वाले व्यक्ति को फोन या वीडियो कॉल पर जबरन अपने साथ जुड़े रहने के लिए बाध्य करना 'डिजिटल अरेस्ट' कहा जाता है। डिजिटल अरेस्ट सीबीआई, ईडी जैसी केन्द्रीय एजेंसी करती हैं। इसमें सामने वाले से पूछताछ की जाती है।
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