जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ कांग्रेसी पार्षदों अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं। सोमवार को दो कांग्रेसी पार्षदों ने सीएम आवास पर जाकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। इससे पहले रविवार को कांग्रेस के ही 6 पार्षद मेयर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर बीजेपी मुख्यालय पहुंचे थे। यहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की थी।
जयपुर के वार्ड 35 के पार्षद मनोज मुद्गल ने बताया- उनके साथ वार्ड 49 के पार्षद उत्तम शर्मा भी सीएम आवास पर पहुंचे। यहां उनके स्टाफ ने सीएम के दिल्ली जाने की बात कही। स्टाफ ने कहा कि सीएम के आने के बाद वे उनसे बात करके और समय लेकर हमे मिलने के लिए सूचित करेंगे।
पार्षद मुद्गल ने बताया- इस समय नगर निगम हेरिटेज का सिस्टम बिल्कुल खत्म हो चुका है। आमजन के काम करने के बजाए मेयर केवल अपने लाभ के काम कर रही है। भ्रष्टाचार के मामले में मुनेश गुर्जर को एसीबी दोषी मान चुकी है। उनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्र भी लिख चुकी है।
पार्षद मुद्गल ने बताया- हमने सीएम के स्टाफ से मुलाकात के बाद 10 पार्षदों के डेलिगेशन के मिलने के लिए समय मांगा है। बता दें कि मुद्गल कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास के नजदीकी माने जाते हैं।
जयपुर हेरिटेज में पार्षदों की स्थिति
बता दें कि हेरिटेज में कांग्रेस के 47, भाजपा के 42 और 11 निर्दलीय पार्षद है। इनमें भी 6 निर्दलीय ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। यहां कुल 100 वार्डों में बहुमत के लिए 51 पार्षदों की जरूरत पड़ती है।
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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष से की थी शिकायत
इससे पहले रविवार देर शाम कांग्रेस के 6 पार्षदों ने बीजेपी मुख्यालय जाकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की थी। यहां इन सभी पार्षदों ने नगर निगम हेरिटेज की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाते हुए मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटाने की मांग की थी।
एसीबी भी सही मान चुकी भ्रष्टाचार के आरोप
एसीबी भी कांग्रेस मेयर मुनेश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सही मान चुकी है। इसके लिए एसीबी ने सरकार से कार्रवाई की इजाजत मांगी थी। स्थानीय निकाय आयुक्त से परमिशन के बाद पति-पत्नी दोनों के खिलाफ एक साथ चालान पेश हो सकता है।
दरअसल, 4 अगस्त 2023 में नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के घर एसीबी ने छापा मारा था। मुनेश के पति सुशील गुर्जर को दो लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सुशील गुर्जर पर आरोप था कि पट्टे जारी करवाने की एवज में दो दलालों के जरिए रिश्वत मांगी गई थी।
सुशील के साथ एसीबी ने दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था। मेयर के घर से तलाशी में एसीबी के पट्टे की फाइल मिली थी। इसके साथ ही 40 लाख रुपए भी मिले थे। वहीं, नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए मिले थे।
मंत्री खर्रा ने कहा था-मेयर की फाइल आई तो 2 घंटे में डिस्पोजल कर दूंगा
हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ एसीबी में चल रहे भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित मानने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा था कि मेयर मुनेश की फाइल टेबल पर आई तो 2 घंटे में डिस्पोजल हो जाएगी। जबकि एसीबी ने 2 मई (45 दिन पहले) को डीएलबी को फाइल भेजकर अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, लेकिन अब तक नहीं मिली। ऐसे में कांग्रेसी पार्षदों के मोर्चा खोलने के बाद अब मुनेश गुर्जर को कभी भी बर्खास्त कर दिया जाएगा।
अब तक ऐसे चला घटनाक्रम
दरअसल, 4 अगस्त 2023 को एसीबी की कार्रवाई के बाद 5 अगस्त को स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया। 23 अगस्त को मुनेश को कोर्ट से राहत मिली और मुनेश महापौर की कुर्सी पर फिर बैठ गईं। 1 सितंबर को राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित करने का फैसला वापस ले लिया।
22 सितंबर को फिर निलंबित किया गया था। दोबारा निलंबन के आदेश के खिलाफ मुनेश गुर्जर ने 26 सितंबर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में मुनेश ने कोर्ट से कहा था कि सरकार ने एक बार फिर उन्हें कानून से विपरीत और तथ्यों से परे जाकर निलंबित किया है। वे दिसंबर 2023 में फिर मेयर बन गई थीं।
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