NEET पेपर लीक मामले में 8 आरोपियों की जमानत याचिका पर मंगलवार को पटना ADJ-5 कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में सरकारी वकील ने बताया कि यह केस अब CBI के पास चला गया है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि इसकी जानकारी ऑर्डर पेपर के साथ दें। पेपर मिलने के बाद मामले की सुनवाई CBI की विशेष अदालत ही करेगी। अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।
पेपर लीक मामले में अब तक 13 आरोपी बिहार से और 6 झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किए गए हैं। इन्हीं में से आठ आरोपियों ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी।
इस मामले में मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उसने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है। इस पर कोर्ट ने 15 जुलाई की तारीख तय की थी। अगर मामला CBI के पास जाता है तो अग्रिम जमानत की अर्जी CBI की अदालत में ही लगानी होगी।
महाराष्ट्र से गिरफ्तार 2 आरोपियों की पुलिस रिमांड 2 जुलाई तक बढ़ी
पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र में ATS ने 4 शिक्षकों के खिलाफ पब्लिक एग्जाम एक्ट 2024 के तहत मामला दर्ज किया गया है। लातूर के 2 टीचर्स- संजय तुकाराम जाधव और जलील खान को गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल कोर्ट ने आज दोनों आरोपियों की पुलिस रिमांड 2 जुलाई तक बढ़ा दी है।
NEET परीक्षा पर स्टूडेंट्स ने कीं 2 बड़ी शिकायतें
अब तक NEET UG एग्जाम में खास तौर पर दो गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुई हैं।
पहली शिकायत : परीक्षा में कई स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए जिसकी वजह से 67 स्टूडेंट्स AIR 1 के साथ टॉपर बन गए।
दूसरी शिकायत : पेपर लीक होने के आरोप के साथ पेपर कैंसिल कर रीएग्जाम की मांग की गई।
NTA ने रीएग्जाम कराया, पेपर लीक की जांच CBI को सौंपी
एग्जाम में गड़बड़ियों को लेकर देशभर में प्रदर्शन के बाद NTA ने 8 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। NTA ने बताया कि देश के 6 सेंटर्स पर स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में कम समय मिला था इसलिए कुल 1563 कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए। हालांकि, NTA ने ये नहीं बताया कि ये मार्क्स किस आधार पर दिए गए।
इन स्टूडेंट्स के लिए 23 जून को रीएग्जाम कंडक्ट किया गया। एग्जाम में सिर्फ 813 कैंडिडेट्स शामिल हुए जबकि 750 ने एग्जाम नहीं दिया। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने NEET पेपर लीक मामले की जांच CBI को सौंप दी है।
20 हजार स्टूडेंट्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगा फैसला
देशभर में NEET UG 2024 में गड़बड़ियों को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। NTA ने 14 जून को देश के 7 अलग-अलग हाईकोर्ट में लगी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी।
कोर्ट ने 20 जून को राजस्थान, बॉम्बे और कलकत्ता हाईकोर्ट में NEET मामले में लगी याचिकाओं को क्लब कर दिया। अब इन सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी।
NTA के DG को हटाया, अर्जेंट फैसले अब भी चेयरमैन ले रहे
NEET पेपर लीक मामले में NTA डायरेक्टर सुबोध कुमार हटाए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी सभी बड़े फैसले चेयरमैन ले रहे हैं। NTA के सबसे अर्जेंट फैसले चेयरमैन प्रोफेसर प्रदीप जोशी की अध्यक्षता में NTA की गवर्निंग बॉडी लेती है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार पुलिस ने जले हुए क्वेश्चन पेपर्स से मिलाने के लिए NTA से ओरिजिनल क्वेश्चन पेपर मांगा था, लेकिन एक महीने तक पुलिस को ये पेपर नहीं दिए गए।
परीक्षा प्रणाली से जुड़े जानकारों के मुताबिक पेपर लीक, परीक्षा में देरी, कुछ स्टूडेंट्स को मनमाने सेंटर मिलने जैसी शिकायतें अर्जेंट मैटर की लिस्ट में आती हैं। NTA मैनुअल के मुताबिक अर्जेंट मामलों पर फैसला NTA की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन की मंजूरी से होता है।
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