जयपुर. राजस्थान में जल्द सोने की खान से उत्पादन शुरू होने के साथ ही ज्वैलरी और अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश के रास्ते खुलेंगे. बांसवाड़ा की इस खान के जरिए 50 हजार युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे. खान सचिव आनन्दी ने बताया कि भूकिया-जगपुरा की माइनिंग लीज की नीलामी से राज्य सरकार को ऑक्शन के साथ ही अपफ्रंट पेमेंट के रूप में तीन किश्तों में 500 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे, जिसकी पहली किश्त 15 दिन में 100 करोड़ प्राप्त हो जाएगी. इस गोल्ड माइन में खनन कार्य शुरू होने के बाद मोटे अनुमान के अनुसार अगले 50 साल में राज्य सरकार को प्रीमियम, रॉयल्टी, डीएमएफटी और एनएमइटी के रूप में एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है. केवल गोल्ड माइनिंग और प्रोसेसिंग से ही प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 50 हजार युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होंगे.
औद्योगिक विकास के खुलेंगे रास्ते : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में माइंस विभाग ने बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा और कांकरिया-गारा में प्रदेश की पहली सोने की खानों की 6 मार्च को ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी. खान सचिव आनन्दी ने बताया कि गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही अन्य सह खनिज कॉपर, कोबाल्ट, निकल भी प्राप्त होगा. इससे प्रदेश में ज्वैलरी उद्योग के साथ ही एरोस्पेस, इलेक्ट्रोनिक, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विकसित होंगे. इन उद्योगों से 50 हजार के करीब रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. भूकिया जगपुरा गोल्ड माइंस की माइनिंग लीज के लिए टेंडर में तकनीकी रूप से पांच निविदादाता बोली लगाने के लिए सफल रहे. इनमें रामगढ़ मिनरल्स एण्ड माइनिंग लिमिटेड कर्नाटक, हीराकुण्ड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड़ अहमदाबाद, जिन्दल पॉवर लिमिटेड छत्तीसगढ़, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड उदयपुर और सैयद ओवैस अली रतलाम ने वित्तीय निविदा में हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि सैयद ओवैसी अली रतलाम ने सर्वाधिक 65.30 प्रतिशत प्रीमियम के साथ यह नीलामी अपने नाम कर ली है.
खनिज का भंडार है बांसवाड़ा की खान : खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के क्षेत्र में सोने के विपुल भंडार हैं. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों की ओर से इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किये जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण अयस्क के संकेत देखे गये. इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 940.26 हैक्टेयर में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आकलन किया गया है. जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है. यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान सह खनिज भी निकलेंगे. इसी तरह कांकरिया-जारा में 205 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है.
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