संसद सत्र का दूसरा दिन भी नारों और विवादों के साथ खत्म हुआ। कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर पद की मांग की, इस पर भाजपा ने जवाब नहीं दिया। नाराज विपक्ष ने NDA के स्पीकर कैंडिडेट ओम बिरला के खिलाफ के. सुरेश काे उतार दिया। आज सुबह 11 बजे से वोटिंग होगी। प्रोटेम स्पीकर सदन में मतदान कराएंगे। भाजपा-कांग्रेस ने सांसदों को व्हीप भी जारी कर दिया।
संख्याबल में पलड़ा NDA का भारी है। लोकसभा में 293 सांसदों वाले NDA के पास स्पष्ट बहुमत है। इंडिया के पास 233 सांसद हैं। 16 अन्य सांसद हैं। चुनाव संसद में मौजूद सदस्यों के साधारण बहुमत से होता है।
ऐसे में ओम बिरला स्पीकर पद के करीब माने जा रहे हैं। अगर बिरला जीते, तो वे दूसरी बार स्पीकर बनने वाले पहले भाजपा नेता होंगे। इससे पहले कांग्रेस के बलराम जाखड़ दो बार स्पीकर रहे हैं।
विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है, ऐसे में डिप्टी स्पीकर पद भी NDA के खाते में आना तय है। भाजपा में विचार चल रहा है कि वह डिप्टी स्पीकर नियुक्त ही न करे या किसी सहयोगी दल को दे दे।
7 सांसदों ने अब तक शपथ नहीं ली
उधर, संसद सत्र के दूसरे दिन भी सांसदों को शपथ दिलाई गई। अब तक 535 (कुल 542) सदस्यों ने लोकसभा की सदस्यता ली। 7 सांसद शपथ नहीं ले सके। इनमें TMC के शत्रुघ्न सिन्हा, दीपक अधिकारी, शेख नुरुल इस्लाम, सपा के अफजल अंसारी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, निर्दलीय अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद शामिल हैं।
अमृतपाल और राशिद फिलहाल जेल में हैं। अगर इन सांसदों ने 26 जून को शपथ नहीं ली तो ये स्पीकर के चुनाव में वोटिंग नहीं कर पाएंगे।
सांसदों के शपथ के दौरान राहुल गांधी ने जय हिन्द और जय संविधान का नारा लगाया। हैदराबाद से AIMIM के सांसद ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया। वहीं बरेली से भाजपा सांसद छत्रपाल गंगवार ने हिन्दू राष्ट्र की जय का नारा लगाया। अयोध्या से सपा सांसद अवधेश राय ने शपथ ली तो जय अयोध्या, जय अवधेश के नारे लगे। चर्चा मणिपुर को लेकर भी रही।
स्पीकर पद को लेकर तनातनी के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता चुना गया है। पार्टी ने मंगलवार (25 जून) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक के बाद इसकी घोषणा की। इसके बाद कांग्रेस संसदीय बोर्ड की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि माहताब को इस संदर्भ में पत्र लिखा।
राहुल अपने 20 साल के पॉलिटिकल करियर में पहली बार कोई संवैधानिक पद संभालेंगे। वे इस पद पर रहने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे। इससे पहले उनके पिता और पूर्व पीएम राजीव गांधी 1989-90 और मां सोनिया 1999 से 2004 तक इस पद पर रह चुकी हैं।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.