राजस्थान सरकार किसान सम्मान निधि को 6 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपए किए जाने के बाद अब एक और योजना लेकर आ रही है। पहली बार राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदने की तैयारी की जा रही है। समर्थन मूल्य पर खरीदा गया बाजरा तीन महीने यानी नवंबर, दिसंबर एवं जनवरी में खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े 4.46 करोड़ लोगों को गेहूं की एवज में मुफ्त दिया जाएगा।
विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार रही है। सब कुछ ठीक रहा है तो सरकार बाजरे की खरीद की घोषणा बजट में कर सकती है। हाल ही में राज्य सरकार ने केंद्र से मिलने वाली किसान सम्मान निधि में भी अपना हिस्सा 2 हजार रुपए बढ़ाया था। सरकार अपने हिस्से की राशि जल्द ही किसानों को ट्रांसफर करने वाली है।
अभी केवल हरियाणा में खरीद
राजस्थान में समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं की जाती है। गेहूं 2400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाता है। बाजरे का समर्थन मूल्य 2625 रुपए प्रति क्विंटल है। इस हिसाब से बाजरा करीब 225 रुपए क्विंटल महंगा पड़ेगा। खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े एक करोड़ 6 लाख से अधिक परिवारों के जुड़े 4.46 करोड़ लोगों को सरकार 5 किलो अनाज देती हैं।
राजस्थान में बाजरे का उत्पादन करीब 50 लाख मीट्रिक टन होता है। तीन महीने के हिसाब से सरकार 8 से 10 लाख मीट्रिक टन बाजरा किसानों से खरीदेगी।अभी राजस्थान में बाजरे की खरीद नहीं होती है और यहां के किसान हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों में बेचने जाते हैं। इससे किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा।
बाजारा खाना काफी फायदेमंद
बाजरे का राजस्थान से पुराना नाता
दुनिया में सबसे ज्यादा बाजरा भारत में उगता है जिसकी 85% पैदावार अकेले राजस्थान में होती है। दरअसल, राजस्थान का मौसम शुष्क होता है, जमीन कम उपजाऊ होती है और बाजरा इसी तरह की रेतीली जमीन और सूखे मौसम में बेहतर उगता है। राजस्थान में आपको बाजरे की रोटी से लेकर खिचड़ी तक मिल जाएगी। मारवाड़ी खिचड़ी को ‘खिचड़ा’ या ‘खिच’ कहते हैं। वहां चीला, बाटी-चूरमा, हलवा, कचौड़ी, मठरी समेत तमाम चीजें बाजरे की मिलती हैं।
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