अफ्रीकी देस केन्या में मंगलवार को नए टैक्स बिल के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। वे संसद के बाहर लगे बैरिकेड्स को पार कर अंदर घुस गए, जहां सांसद बिल पर चर्चा कर रहे थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने संसद में आग लगा दी।
इस दौरान पुलिस की फायरिंग में 5 लोगों को मौत हो गई वहीं करीब 31 लोग घायल हो गए। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस प्रदर्शन में ज्यादातर युवाओं ने हिस्सा लिया। संसद में हिंसा के दौरान सांसदों के एक अंडरग्राउंड टनल के जरिए बाहर निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने संसद के परिसर में तोड़फोड़ भी की।
वहीं केन्या में मौजूद भारतीय दूतावास ने भी नागरिकों को सावधानी बरतने की अपील की है। भारतीयों से कहा गया है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें और हिंसा वाली जगहों से दूर रहें। साथ ही लगातार दूतावास के संपर्क में रहें।
प्रदर्शन में बराक ओबामा की सौतेली बहन भी शामिल
केन्या की राजधानी नायरोबी में प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। इन प्रदर्शनों में केन्या की सोशल एक्टीविस्ट और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सौतेली बहन औमा ओबामा भी शामिल थीं। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने नारे लगाते हुए कहा कि केन्या कभी आजाद नहीं हो पाया। यहां अब भी उपनिवेशवाद जारी है।
केन्या में कई हफ्तों से टैक्स बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। इस बिल के तहत राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार देश में टैक्स बढ़ाने वाली है। इसके तहत देश में पढ़ाई से लेकर सभी जरूरी सेवाओं पर रेवेन्यू बढ़ाया जाएगा।
सांसद बोले- सरकारी कामकाज के लिए टैक्स बढ़ाना जरूरी
इस बिल को मई में पेश किया गया था। संसद में मौजूद ज्यादातर सांसद इस बिल के समर्थन में हैं। उनका मानना है कि यह सरकारी कामों को पूरा करने के लिए जरूरी है। रेवेन्यू बढ़ाने पर होने वाली कमाई के जरिए सरकार देश में सड़कों का निर्माण, स्कूलों में टीचर्स को हायर और किसानों को फर्टिलाइजर के लिए सब्सिडी दे पाएगी।
वहीं देश के ऊपर कर्ज का बोझ भी कम होगा। सांसदों के मुताबिक, अगर बिल लागू नहीं किया गया तो सरकारी संस्थाओं में काम ठप हो जाएगा। मंगलवार को बिल पर हुई वोटिंग के दौरान 195 में से 106 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया।
प्रदर्शनकारी बोले- नए टैक्स से खाना मिलना भी मुश्किल हो जाएगा
केन्या के नागरिकों का कहना है कि नए कानून की वजह से अंडे, प्याज और खाना बनाने के तेल जैसे जरूरी सामान भी महंगे हो जाएंगे। इसके अलावा सरकार गुड्स और सर्विसेज पर भी टैक्स बढ़ा रही है। ऐसे में जनता के लिए 2 वक्त का खाना भी मुश्किल हो जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति रूटो 2022 से सत्ता में है। उनकी सरकार लगातार भ्रष्टाचार करती रही है। सरकारी फंड को सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया गया। विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रूटो के इस्तीफे की भी मांग की।
सरकार पर आरोप- विरोधियों को अगवा कर टॉर्चर किया जाता है
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि अपने हक के लिए आवाज उठाने की वजह से उन्हें धमकी भरे फोन कॉल्स आ रहे हैं। उन्हें प्रदर्शन बंद न करने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। वहीं देश के दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार अपने विरोधियों को किडनैप कर उन्हें टॉर्चर करती है।
वहीं प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति रूटो ने देश में सेना को तैनात करने की घोषणा की। एक टीवी एड्रेस के दोरान रूटो ने कहा कि कुछ खतरनाक लोगों की वजह से आज देश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देंगे।
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