राजस्थान में रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने की दो घटनाओं ने झकझोर कर रख दिया है। जोधपुर में ठेला खींचते हुए एक बाबा की रील वायरल कर दी गई। इसके बाद ट्रोलर्स ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि आहत होकर सुसाइड कर लिया।
इसी तरह जयपुर में एक युवक को रील्स बनाने की ऐसी लत लगी कि वह विदेशी महिलाओं को छूकर अश्लील कमेंट करते हुए वीडियो अपलोड करता था। इसी बीमारी ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। मनोचिकित्सक इसको रील्स बनाने के इस आदत को FOMO (Fear Of Missing 0ut) कहते हैं। यह एक तरह की बीमारी है।
क्या आप जानते हैं बिना इजाजत रील बनाकर अपलोड करने की सजा क्या है? अगर रील्स बनाने से आहत होकर कोई व्यक्ति सुसाइड कर लेता है तो फांसी तक की सजा हो सकती है।
दोनों मामले सामने आने के बाद हमने मनोचिकित्सक की मदद से जाना कि सोशल मीडिया पर रील्स बनाने की ये आदत गंभीर बीमारी दे सकती है। साथ ही कानूनी विशेषज्ञों से जाना कि इस तरह से रील्स बनाकर किसी को परेशान करना किस तरह से जुर्म है।
फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए रील वायरल की, जोधपुर में बुजुर्ग फंदे पर झूला
जोधपुर के लोहावट के रहने वाले बुजुर्ग प्रतापराम ठेले पर भंगार यानी कबाड़ इकट्ठा करने का काम करते थे। उनका एक बेटा गुजरात में काम करता है। प्रतापराम अकेला ही कबाड़ बेच कर अपना गुजारा करता था। करीब 4 महीने पहले कुछ जापानी टूरिस्ट के साथ एक यूट्यूबर शिवम ने प्रतापराम का वीडियाे बनाते हुए पूछा कि क्या आपके ठेले को धक्का लगा दें। बाबा ने मना कर दिया और पूछा कि ‘भंगार लेणों है कांई (कबाड़ लेना है क्या)।
यह वीडियो यूट्यूबर शिवम ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। वायरल होने के बाद रील बनाने वालों की भीड़ प्रतापराम को परेशान करने लगी। लोगों के लिए यह मजाक सा बन गया था। प्रतापराम ने कई बार वीडियो बनाते लड़कों को भगाया भी। लेकिन रील्स बनाने और ट्रोल होने से आहत होकर प्रतापराम ने दो दिन पहले सुसाइड कर लिया।
लोहावट थानाधिकारी शैतानराम ने बताया कि प्रतापराम के बेटे ने पिता की मौत को लेकर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने 4 युवकों को शांतिभंग के मामले में पकड़ा है। मामले की जांच की जा रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
केस-2 : रील्स बनाने की लत, विदेशी महिलाओं पर भद्दे-अश्लील कमेंट
जयपुर के आमेर पुलिस ने जमवारामगढ़ के रहने वाले विनोद मीणा को गिरफ्तार किया है। विनोद रील्स को पॉपुलर बनाने के लिए आमेर में घूमने आने वाली विदेशी महिला पर्यटकों के वीडियो बनाते हुए उन पर अश्लील कमेंट करता था।
वह महिला पर्यटकों को गंदे तरीके से छूता। फिर उनकी बोली लगाता था। महिला पर्यटक उसकी बातों से अनजान थीं। एक दो शिकायतों के बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार भी किया, लेकिन हिदायत देकर छोड़ दिया। युवक ने फिर से वही करना शुरू कर दिया। तब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया है।
इजाजत के बिना रील या वीडियो वायरल किया तो जिंदगी जेल में कटेगी
सीनियर एडवोकेट एके जैन कहते हैं- आमतौर पर लोग कानून की जानकारी नहीं रखते। किसी व्यक्ति की रील उसकी इजाजत के बिना नहीं बना सकते। उसे बिना मर्जी के अपलोड करना, वायरल करना या ट्रोल करना भी गैरकानूनी है।
किसी का वीडियो एडिट करके वायरल नहीं कर सकते। अगर किसी व्यक्ति को इससे परेशानी होती है या फिर उसे वीडियो डालने के बाद सामाजिक स्तर पर नुकसान होता है। किसी भी व्यक्ति को ट्रोल करना उसका राइट ऑफ प्राइवेसी का उल्लंघन होता है।
लगाना पड़ सकता है सड़कों पर झाड़ू
सोशल मीडिया पर वीडियो को डालने के बाद उसके खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती है या ट्रोल किया जाता है तो यह दंडनीय अपराध माना जाता है।
ट्रोलिंग से परेशान होकर सुसाइड करने पर 10 साल की सजा
बीकानेर के सीनियर एडवोकेट अनिल सोनी बताते हैं- ट्रोल से कोई व्यक्ति बेहद परेशान हो जाता है। अगर तनाव में आकर वह सुसाइड कर लेता है तो 306 के तहत थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। दोषी पाए जाने पर ट्रोलिंग करने के दोषी को कोर्ट 10 साल की सजा सुना सकता है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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