स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने सदन में इमरजेंसी की निंदा की। उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था। स्पीकर के प्रस्ताव रखते ही पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
स्पीकर ओम बिरला इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों का आरोप था कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।
इससे पहले एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा के स्पीकर चुने गए। पीएम नरेंद्र मोदी और सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उन्हें आसंदी तक छोड़ने आए। विपक्ष ने मतदान की मांग की थी। उनके उम्मीदवार के. सुरेश थे। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने यह मांग खारिज कर दी।
पीएम मोदी ने बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था। पीएम ने कहा- ओम बिरला का अनुभव देश के काम आएगा। राहुल गांधी ने कहा- मुझे विश्वास है कि आप विपक्ष की आवाज दबने नहीं देंगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज नहीं दबाई जाएगी। न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई की जाएगी। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता है, सत्ता पर भी रहे। आपके इशारे पर सदन चलता है, इसका उल्टा न हो।
सदन में जब पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का परिचय कराते वक्त शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम लिया तो विपक्ष के सांसदों ने शेम-शेम कहना शुरू कर दिया। सोमवार को जब धर्मेंद्र प्रधान सांसद पद की शपथ लेने गए थे, तब भी विपक्ष के सांसदों ने NEET-NEET, शेम-शेम के नारे लगाए थे।
इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में मौन
स्पीकर ओम बिरला इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों का आरोप था कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।
स्पीकर ने आपातकाल की निंदा की, पक्ष-विपक्ष ने नारेबाजी की
ओम बिरला ने कहा- यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने की निंदा करता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर के संविधान का अपमान किया था। इंदिरा गांधी ने भारत पर तानाशाही थोपकर लोकतंत्र का अपमान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई। मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी गई थी। कई नेताओं को मीसा के तहत बंद किया।
जैसे ही स्पीकर ने निंदा प्रस्ताव रखा, पक्ष और विपक्ष से नारेबाजी शुरू हो गई।
पीएम ने शिक्षा मंत्री का नाम लिया तो विपक्ष ने नारे लगाए
मंत्रिमंडल के परिचय के दौरान जैसे ही पीएम मोदी ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम लिया, विपक्ष के सांसदों ने शेम-शेम के नारे लगाए। इससे पहले सोमवार को जब प्रधान सांसद पद की शपथ लेने गए थे, तब भी विपक्ष के सांसदों ने NEET-NEET, शेम-शेम के नारे लगाए थे।
स्पीकर बोले- पक्ष और विपक्ष मिलकर सदन चलता है
हमारी युवा पीढ़ी संविधान को जाने, संविधान को समझे। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं सभी सदस्यों को पर्याप्त समय दूं। सभी पक्षों के विचार यहां आनी चाहिए। हम अलग-अलग विचारधारा से चुनकर आते हैं, लेकिन देश सबसे पहले हैं। जिन मुद्दों पर असहमति होगी, आप उसे व्यक्त करेंगे। आप चर्चा में सुझाव भी देंगे। पक्ष और विपक्ष मिलकर सदन चलता है। मेरी कोशिश रहेगी कि सबसे मिलकर सदन चलाऊं। किसी दल का एक सदस्य भी हो, तो उसे मौका दूं। क्योंकि वह भी चुनकर आए हैं। मेरी अपेक्षा रहेगी कि आप सब निर्वाध रूप से सदन चलाएंगे।
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