सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के मैनेजर और असिस्टेंट बैंक मैनेजर के खिलाफ 3 करोड़ 21 लाख रुपए के किसान क्रेडिट कार्ड लोन घोटाले को लेकर मामला दर्ज किया है। बैंक की इंटरनल जांच में बैंक मैनेजर शील कुमार और असिस्टेंट बैंक मैनेजर सतीश नंदा की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। इसके बाद बैंक के महाप्रबंधक विजिलेंस संजीव कुमार की रिपोर्ट पर सीबीआई ने दोनों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
3 करोड़ से ज्यादा के गबन का आरोप
यह पूरा मामला जैसलमेर के पोकरण स्थित राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की सतयाया ब्रांच का है। आरोप है कि बैंक मैनेजर और असिस्टेंट बैंक मैनेजर ने 3 करोड़ 21 लाख 42 हजार के 38 किसान क्रेडिट कार्ड लोन फर्जी भू दस्तावेजों के आधार पर पास कर दिए।
इसमें नक्शे से लेकर गिरदावरी तक जमीन के सभी दस्तावेज फर्जी होने के बावजूद लोन पास कर दिए गए। सीबीआई में दर्ज हुई रिपोर्ट के अनुसार इसको लेकर राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की इंटरनल कमेटी की ओर से जांच की गई। जिसमें साल 2022 में इस ब्रांच के बैंक मैनेजर और असिस्टेंट बैंक मैनेजर पर 38 फर्जी केसीसी लोन पास करने के आरोप पाए गए। जांच में भी सामने आया कि यह सभी लोन नियमों की पालना किए बगैर पास कर दिए गए। इन लोन में लैंड सर्टिफिकेट से लेकर गिरदावरी और सर्च रिपोर्ट और नक्शा सहित सभी दस्तावेज फर्जी लगाए गए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले अप्रैल में सीबीआई ने इसी बैंक से जुड़े घोटाले का मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सीबीआई की टीम की ओर से पोकरण शहर और आसकंधरा गांव में दबिश देकर बैंक में करोड़ों के फर्जीवाड़े के मामले में शामिल दो लोगों के घरों से कागज और जाली मोहरें भी बरामद की गई थी।
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