NEET पेपर लीक मामले में CBI दो आरोपियों से पूछताछ करेगी। इसमें चिंटू कुमार और मुकेश कुमार शामिल हैं। सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज हर्षवर्धन सिंह ने बुधवार सुबह दोनों को 3 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
आर्थिक अपराध अन्वेषण इकाई ( EOU) की टीम ने दोनों को 22 जून को नालंदा जिले के बिहार थाना क्षेत्र के मुरौरा गांव से गिरफ्तार किया था। उधर, कोलकाता पुलिस ने 25 जून की देर रात एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
आरोप है कि इसने स्टूडेंट के पेरेंट्स से मेरिट लिस्ट में नाम जोड़ने और कॉलेज में मेडिकल सीट देने के लिए 5 से 12 लाख रुपए तक की रकम वसूली है। इस मामले में अब तक 5 राज्यों में 27 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
उधर, सीबीआई की एक टीम आज हजारीबाग कल्लू चौक मंडई रोड स्थित ओएसिस स्कूल पहुंची। यहां टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल से पूछताछ की। इसके बाद टीम हजारीबाग स्थित स्टेट बैंक भी पहुंची है जहां प्रश्न पत्र भेजे जाने को लेकर जांच की जा रही है।
एनवेलप को बारीकी से फाड़कर प्रश्न पत्र निकाला गया
EOU की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि बुकलेट नंबर 6136488 और अधजला प्रश्न पत्र परीक्षा माफियाओं के ठिकाने से मिला था। जिस ट्रंक और एनवेलप में इस बुकलेट नंबर का प्रश्न पत्र था, उससे छेड़छाड़ की गई है।
एनवेलप को बारीकी से फाड़कर प्रश्न पत्र निकाला गया है। इसके बाद इसकी तस्वीर खींचकर गिरोह के सरगना तक वॉट्सऐप से पहुंचाई गई।
जांच रिपोर्ट कहती है कि प्रश्न पत्र के ट्रांसपोर्टेशन, रख-रखाव और रिसीविंग में लापरवाही बरती गई है। प्रश्न पत्र का ट्रंक और एनवेलप ओएसिस स्कूल में खुला, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि एनवेलप का निचला हिस्सा क्षतिग्रस्त है। जबकि प्रश्न पत्र निकालने के बाद मेमोरेंडम बनता है।
उस पर जिन लोगों के समक्ष प्रश्न पत्र निकाला गया, उनके हस्ताक्षर होते हैं। ईओयू की जांच रिपोर्ट के अनुसार ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, ऑब्जर्वर, केंद्राधीक्षक सहित अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध है। वहीं, हजारीबाग स्थित ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी का संचालक फरार है और उसकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
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