राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा- मैं 18वीं लोकसभा के सदस्यों को बधाई देती हूं। आप देश के मतदाताओं का विश्वास जीत कर आए हैं। ये सौभाग्य कम लोगों को मिलता है। मुझे आशा है आप इसे निभाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा- मेरी सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए काम कर रही। उनके यह कहते ही विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। विपक्ष के शोरगुल के बीच राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण जारी रखा।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में जैसे ही नई शिक्षा नीति का जिक्र किया, विपक्ष ने नीट-नीट के नारे लगाना शुरू कर दिया।
उपराष्ट्रपति अब राष्ट्रपति के भाषण का इंग्लिश वर्जन पढ़ रहे
राष्ट्रपति का अभिभाषण पूरा हो गया है। उन्होंने 50 मिनट भाषण दिया अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उनके भाषण के मुख्य अंशों का अंग्रेजी वर्जन पढ़ रहे हैं।
आने वाला दौर भारत का
राष्ट्रपति बोलीं- इस संकल्प की सिद्धि में अवरोध न हो ये हम सभी का दायित्व और कर्तव्य है। जब संसद सुचारू चलती है, स्वस्थ्य चर्चा होती है। लोगों का विश्वास पूरी व्यवस्था पर बढ़ता है। जब भारत विकसित राष्ट्र बनेगा तो इसमें आपकी भी सहभागिता होगी। आने वाला दौर भारत का है, सदी भारत की है, इसका असर हजार साल तक रहेगा।
विकसित भारत बनाने के लिए नई गति प्राप्त कर चुके
आप सभी जानते हैं आज का समय पूरी तरह से भारत के लिए अनुकूल है। आज क्या नीतियां, निर्णय बनते हैं, इस पर पूरी दुनिया की नजर है। पिछले दस साल में जो हुआ, उससे हम विकसित भारत बनाने के लिए नई गति प्राप्त कर चुके हैं।3
आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था
राष्ट्रपति ने कहा- आने वाले कुछ महीने में भारत गणतंत्र के रूप में 75 साल पूरे करने जा रहा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी कई बार हमले हुए है। आज 27 जून है, 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर हमले का सीधा सबूत है। लेकिन देश ने इससे उबरकर दिखाया।
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