SMS हॉस्पिटल के नर्सिंगकर्मियों को बागवानी, लॉन्ड्री से हटाया जाएगा: अब लगेगी आईसीयू-इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी, कुल 227 हेल्थकर्मियों की लिस्ट तैयार

एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में अब हर नर्सिंगकर्मी को आईसीयू, वार्ड, आईपीडी और ओपीडी में काम करना होगा। ऐसे कई नर्सिंगकर्मी हैं जो नर्सिंग की जगह अन्य काम कर रहे हैं, लेकिन अब मरीजों की सेवा में जुटना होगा। अकेले एसएमएस अस्पताल में ऐसे 150 से अधिक नर्सिंगकर्मी हैं, जो वार्डों, आईसीयू में काम नहीं कर रहे और ड्यूटी गैर नर्सिंग काम में लगी हुई है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने एसओपी तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। जुलाई माह के अंत तक सभी नर्सिंगकर्मियों की ड्यूटी वार्ड के अनुसार तय कर दी जाएगी।

आईपीडी व अन्य टावर बढ़ने से स्टाफ की जरूरत बढ़ेंगी

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने से भवनों का विस्तार किया जा रहा है। आईपीडी टावर सहित महिला और जनाना अस्पताल में भी टावर बन रहे हैं। ऐस में नर्सिंग स्टाफ की जरूरत बढ़ेगी। जबकि अस्पतालों में पहले से स्टाफ की कमी है। ऐसे में नर्सिंग स्टाफ को वार्डों में लगाया जाता है तो मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है।

वीआईपी चैंबर में विधायक, मंत्री और परिचितों के काम करने के लिए 15 जनों का स्टाफ तैनातएसएमएस, जेके लोन, महिला, गणगौरी, कांवटिया, जनाना सहित अन्य अस्पतालों में सैकड़ों नर्सिंगकर्मी बागवानी, स्टोर, ऑक्सीजन प्लांट, सफाई व्यवस्था, स्टेशनरी स्टोर, कैंपस मैनेजमेंट, बायोमीट्रिक, एंबुलेंस व्यवस्था, डीडीसी काउंटर, लॉन्ड्री, प्राेटोकॉल, आईटी सेल के काम में 200 से अधिक नर्सिंगकर्मी लगे हैं।

यहां तक कि वीआईपी चैंबर में ही 15 जनों का स्टाफ लगा है, जो विधायक, मंत्री और अन्य पहुंच वाले लोगों के साथ परिचितों के काम करते हैं। अचरज वाली बात तो यह है कि यहां ड्यूटी लगवाने के बावजूद ये नर्सिंगकर्मी पूरे समय काम नहीं करते। अस्पतालों में हालात यह हो चुके हैं कि ना केवल पुराना स्टाफ काम करने से बच रहा है बल्कि नया स्टाफ भी आईसीयू और वार्डों में काम करने से बच रहा है।

एसओपी बनाने में नर्सिंग एसोसिएशन को भी साथ लिया

अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुचारू हो और नर्सिंगकर्मियों का सहयोग रहे, इसलिए सभी नर्सिंग एसोसिएशन को भी साथ लिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी जो स्टाफ गैर नर्सिंग काम कर रहा है, उसमें अधिकांश स्टाफ किसी न किसी नर्सिंग एसोसिएशन से जुड़ा हुआ है। राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्यारेलाल चौधरी का कहना है कि सरकार नर्सिंग के जॉब चार्ट के अनुसार काम कराए तो किसी को परेशानी नहीं है। सख्ती से यह नियम लागू हो और एक्शन लिया जाए। इससे मरीजों को फायदा मिलेगा। एसोसिएशन पूरी सहयोग करेगी।

मरीजों के हित में काम हो रहा, गैर नर्सिंग ड्यूटी से हटेगा स्टाफ

"कोशिश है कि सभी नर्सिंगकर्मी मरीजों के हित में काम करें। इसके लिए एसओपी बनाई जा रही है ताकि गैर नर्सिंग का काम कर रहे स्टाफ की भी वार्डों में डयूटी लगाई जा सके।"

-डॉ. दीपक माहेश्वरी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

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