आईजीआई एयरपोर्ट हादसा: विशेषज्ञों ने जताया अंदेशा, रख-रखाव में कमी के कारण गिरी आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल एक की छत - IGI AIRPORT ACCIDENT

नई दिल्ली: बारिश के दौरान शुक्रवार सुबह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल एक की छत अचानक गिर गई. हादसे में एक की मौत पांच अन्य घायल हो गए. हादसे के बाद सवाल यह खड़ा हो रहा है कि लोहे से बने छत का स्ट्रक्चर कैसे गिरा. इस पर ईटीवी भारत ने सिविल इंजीनियर से बात की तो पता चला कि रखरखाव में कमी के कारण यह हादसा हो सकता है. शेड के रूप में बनाया जाना वाला लोहे का स्ट्रक्चर बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होता है. वहीं, हादसे के बाद केंद्रीय नागरिक उड्ड्यन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस तरह के हादसों से बचाव के लिए देश के सभी एयरपोर्ट पर ऐसे स्ट्रक्चर्स की जांच करने के आदेश दिए हैं.

सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर एके चौधरी ने बताया कि लोहे से दो तरीके के स्ट्रक्चर बनाए जाते हैं. एक पुल का स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है, जिन पर ज्यादा लोड होता है. ये मोटे लोहे से बनाए जाते हैं. ये आरसीसी से ज्यादा मजबूत होते हैं. इसकी कास्ट भी ज्यादा होती है. दूसरा स्ट्रक्चर कैनोपी या शेड के रूप में बनाया जाता है. ये आरसीसी से सस्ता होता है. कम लागत में जल्द तैयार हो जाता है. जिन स्थानों पर ट्रैफिक चल रहा होता है. उन स्थानों पर पिलर खड़े कर इस तरीके के लोहे के शेड बनाए जाते हैं. शेड को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है, जिससे कि ऊपर पानी न रुके और जंग न लगे.

एयरपोर्ट पर टर्मिनल की छत (शेड) गिरने के मामले में स्ट्रक्चर में खामी रही होगी जो रखरखाव में लापरवाही को दर्शाती है. बारिश के कारण शेड से पानी गिर रहा था. इसका मतलब ऊपर पानी रुका हुआ था. इससे शेड पर लोड बढ़ा होगा और ये हादसा हुआ. टर्मिनिल के शेड का जो हिस्सा गिरा है वह 2009 में बनकर तैयार हुआ था. टर्मिनल पर अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है. यहां काम करने वाले प्रमोद ने बताया कि वह कई साल से एयरपोर्ट पर काम कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने जो हिस्सा गिरा है उसकी कभी मरम्मत या रखरखाव का काम होते नहीं देखा है. शेड के गिरने के पीछे क्या कारण रहा. उन्हें नहीं पता है लेकिन यह हादसा दिन में हुआ होता तो और ज्यादा जनहानि हो जाती.

देश में सभी एयरपोर्ट पर इस तरह के स्ट्रक्चर की होगी जांच

केंद्रीय नागरिक उड्ड्यन मंत्री राम मोहन नायडू ने हादसे के बाद मौके पर पहुंचे और दुर्घाटना का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि यह स्ट्रक्चर 2009 में बनाया गया था. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) को घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कहा गया है. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए देश भर में जहां पर भी इस तरह के स्ट्रक्चर एयरपोर्ट पर बने हुए हैं. उनकी जांच कराने का निर्देश दिया गया है, जिससे इस तरह का हादसा न हो. मृतकों के परिवार को 20 लाख और घायलों को तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.

हादसे के बाद सवाल खड़ा किया जा रहा था कि जिस टर्मिनल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था, वही गिर गया है. लेकिन मंत्री राम मोहन मायडू ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी अन्य टर्मिनल का उद्घाटन किया था. नायडू ने कहा कि हादसा क्यों हुआ इसका टेक्निकल, फॉरेंसिक या सिक्योरिटी जांच के आदेश दिए गए हैं. लापरवाही मिलने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. आईजीआई के टर्मिनल 1 को शनिवार तक शुरू कर दिया जाएगा. तब तक अन्य टर्मिनल से फ्लाइटें उड़ान भरेंगी. पूरी बिल्डिंग का निरीक्षण किया जाएगा.

टर्मिनल एक से ज्यादातर घरेलू उड़ाने होती हैं
वर्ष 1986 में दिल्ली हवाई अड्डे का नाम बदलकर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डा किया गया था. भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर नए टर्मिनल 3 पर परिचालन शुरू होने के साथ दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत और दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण विमानन केंद्र बन गया है. 2 मई 2006 को दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों का प्रबंधन निजी संघ को सौंपा गया.

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल) जीएमआर समूह (50.1%), फ्रापोर्ट एजी (10%) और मलेशिया हवाई अड्डों (10%), भारत विकास कोष (3.9%) का एक संघ है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पास 26% हिस्सेदारी है. पुराने पालम टर्मिनल को अब टर्मिनल 1 के रूप में जाना जाता है. यह सभी घरेलू उड़ानों को संभालता है. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्राथमिक हवाई अड्डा है. जो नई दिल्ली के शहर के केंद्र से 16 किमी दक्षिण पश्चिम में पश्चिम दिल्ली में है.

विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरा
हादसे को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी को घेरा है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि अभी 10 मार्च को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईजीआई के टर्मिनल 1 का उद्घाटन किया था और यह तीन महीने में ही गिर गई. पीएम मोदी बताएं कि इस हादसे में एक की जान चली गई अन्य कई घायल हो गए. इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा. पहली बारिश में आयोध्या के राम मंदिर का गर्भ गृह पानी से भर गया और बुधवार को जबलपुर टर्मिनल भी गिर गया. संजय सिंह ने कहा कि आम जनता की जान चली जाए, इससे इन लोगों को कोई मतलब नहीं है.

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