अमरनाथ यात्रा का आज (30 जून) दूसरा दिन है। 6 हजार 619 श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था रविवार को जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से रवाना हुआ। इस बीच, यात्रियों को ले जा रही एक कार का रविवार को पहलगाम के पास चंदनवाड़ी में एक्सीडेंट हो गया। इसमें दो श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों की पहचान झारखंड के विजय मंडल और गुरवा देवी के रूप में हुई है। BSF ने दोनों के इलाज के लिए DRDO अस्पताल ले आई। इसके बाद उन्हें अनंतनाग के GMC अस्पताल रेफर कर दिया गया है। दोनों की हालत गंभीर बताई गई है।
रविवार को निकले तीसरे जत्थे में में 1141 महिलाएं शामिल हैं। ये सभी सुबह 3:50 बजे, 319 गाड़ियों से रवाना हुए। अबतक 3838 यात्री चंदनवाड़ी, पहलगाम रूट से जबकि 2781 यात्री बालटाल रूट से हिम-शिवलिंग के दर्शन करने निकले हैं।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर साल होने वाली पवित्र अमरनाथ यात्रा शनिवार (29 जून) से शुरू हो गई। पहले दिन 14 हजार यात्रियों ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। 52 दिन की यात्रा 19 अगस्त को खत्म होगी।
3 टियर सुरक्षा, 38 से ज्यादा कंपनियां तैनात
यात्रा अनंतनाग में पारंपरिक 48 किमी लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटे, लेकिन कठिन बालटाल मार्ग से गुजरेगी। अनंतनाग जिले में 3 हजार 880 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून को श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस घटना को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
दोनों रूट के हाई सिक्योरिटी पॉइंट्स पर पुलिस की 13, SDRF की 11, NDRF की आठ, BSF की चार और CRPF की दो टीमों की तैनाती है। साथ ही पैरामिलिट्री की 635 कंपनियां तैनात हैं। ट्रैफिक निगरानी के लिए उधमपुर से बनिहाल तक 10 हाई-एंड कैमरे लगाए हैं।
अमरनाथ यात्रा रूट पर 300 से ज्यादा भंडारे
अमरनाथ यात्रा में यदि दर्शन के अलावा देखें तो दूसरा सबसे दिलचस्प पार्ट यहां के लंगरों का है। करीब पांच एकड़ में फैले बालटाल बेस कैंप में ही 135 लंगर चल रहे हैं। पहलगाम में 150 से भी ज्यादा हैं। आगरा, लुधियाना, बठिंडा, लखनऊ, कानपुर, बद्दी, चंडीगढ़ और न जाने कहां-कहां के लंगर। आप इनके सामने से गुजरें तो आपको कुछ खिलाए बिना जाने नहीं देंगे।
इनका मंत्र भी यही है- न कोई भूखा सोएगा और न खुले में रात बिताएगा। हर लंगर के बाहर इनके ‘सेवादार’ खड़े रहते हैं और सुबह होते ही हर गुजरने वाले को लंगर का मेन्यू बताने लगते हैं। वो भी सुरों में आवाज लगाकर।
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