मार्केट रेगुलेटर SEBI से 46 पेज का कारण बताओ नोटिस मिला है। पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर स्टॉक मैनिअमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को भारत के पुलेशन से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए थे, जिसे लेकर ही ये नोटिस दिया गया है।
रिसर्च फर्म ने 1 जुलाई को पब्लिश किए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा, SEBI ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए कुछ गलत बयान शामिल हैं।
हिंडनबर्ग बोला- SEBI धोखेबाजों को बचा रहा:
हिंडनबर्ग का आरोप उदय कोटक को बचा रही सेबी
हिंडनबर्ग ने कहा कि उदय कोटक की स्थापित ब्रोकरेज फर्मों ने ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया, जिसका इस्तेमाल उसके इन्वेस्टर पार्टनर ने अडाणी ग्रुप के शेयरों में ट्रेडिंग के लिए किया। हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी ने नोटिस में केवल के-इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड का नाम रखा और 'कोटक' नाम को संक्षिप्त नाम 'KMIL' से छिपा दिया। KMIL का मतलब कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट है।
इसमें कहा गया है कि बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सेबी की 2017 की कमेटी का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया था। "हमें संदेह है कि सेबी की ओर से कोटक या कोटक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य का उल्लेख न करने का मतलब एक और शक्तिशाली भारतीय व्यवसायी को जांच की संभावना से बचाना हो सकता है, जिसे सेबी स्वीकार करती दिख रही है।"
हिंडनबर्ग RTI फाइल करेगा, कर्मचारियों की डिटेल मांगेंगा
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह सेबी की प्रोसेस के बारे में और अधिक जानना चाहता है। वह सेबी के उन कर्मचारियों के नाम मांगने के लिए एक आरटीआई दायर करेगा, जिन्होंने अडाणी और हिंडनबर्ग दोनों मामलों पर काम किया। हम सेबी और अडाणी और उनके विभिन्न रिप्रजेनटेटिव की मीटिंग और कॉल्स की बेसिक डिटेल्स भी मांगेगे।
सेबी ने कारण बताओ नोटिस में 4 बड़ी बाते कहीं:
शॉर्ट सेलिंग यानी, पहले शेयरों को बेचना और बाद में खरीदना
शॉर्ट सेलिंग का मतलब उन शेयरों को बेचने से है जो ट्रेड के समय ट्रेडर के पास होते ही नहीं हैं। इन शेयरों को बाद में खरीद कर पोजीशन को स्क्वायर ऑफ किया जाता है। शॉर्ट सेलिंग से पहले शेयरों को उधार लेने या उधार लेने की व्यवस्था जरूरी होती है।
आसान भाषा में कहे तो जिस तरह आप पहले शेयर खरीदते हैं और फिर उसे बेचते हैं, उसी तरह शॉर्ट सेलिंग में पहले शेयर बेचे जाते हैं और फिर उन्हें खरीदा जाता है। इस तरह बीच का जो भी अंतर आता है, वही आपका प्रॉफिट या लॉस होता है।
रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था
24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.