जयपुर पुलिस ने स्मार्ट फोन के लॉक तोड़ने के साथ उनके IMEI नंबर को बदलने वाली गैंग को पकड़ा है। पूछताछ में सामने आया कि ये उन फोन के नंबर को क्रेक करते थे, जो ग्राहक किश्त पर लिए फोन लेते थे।
शहर की कोतवाली पुलिस ने रायसर प्लाजा में कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले को लेकर DCP (नॉर्थ) राशि डोगरा डूडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। सामने आया कि ये लोग कबाड़ और एक्सचेंज वाले फोन से ये सारा डाटा चुराते थे।
00 से ज्यादा मोबाइल का IMEI नंबर बदला
DCP (नॉर्थ) राशि डोगरा डूडी ने बताया- आईटी एक्ट में आरोपी अतुल गुप्ता (36) निवासी सूर्यनगर गोपालपुरा महेश नगर, लोकेश गर्ग उर्फ लालू (30) निवासी महावीर कॉलोनी विस्तार करतारपुरा महेश नगर हाल मांग्यावास मानसरोवर, गौतम सैनी उर्फ गोलू (38) निवासी रविन्द्र नगर जगतपुरा प्रतापनगर और महेश मुरजानी (53) निवासी सेक्टर-16 प्रताप नगर को अरेस्ट किया है।
इससे पहले कोतवाली थाना पुलिस को 30 जून की शाम सूचना मिली कि रायसर प्लाजा में कुछ शॉपकीपर मोबाइल लॉक-अनलॉक करने और IMEI नंबर क्रेक करने का काम कर रहते है। कोतवाली थाना पुलिस ने डीएसटी नॉर्थ के साथ मिलकर रायसर प्लाजा में छापेमारी की। गिरफ्तार चारों आरोपी की इंद्रा बाजार स्थित रायसर प्लाजा में मोबाइल शॉप है।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कम्प्यूटर, डेस्कटाप, लॉक तोड़ने और IEMI नंबर क्रेक करने का सॉफ्टवेयर डिवाइस और 250 से ज्यादा मोबाइल जब्त किए है। पुलिस को आरोपियों के कब्जे से करीब 100 से अधिक बदले गए मोबाइल के IEMI नंबर का रिकॉर्ड ट्रेस आउट भी मिले है।
किश्त पर लिए फोन का बदल देते थे IMEI नंबर
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जो ग्राहक किश्त पर फोन लेते है और समय पर वे उसे चुका नहीं पाते हैं तो उनका फोन लॉक हो जाता है। ऐसे में ये लोग कम्प्यूटर सिस्टम से मोबबाइल का लॉक तोड़ देते और फिर IMEI नंबर बदल देते थे।
इनके पास कम्प्यूटर सिस्टम में (UMT TOOL, MTK-2, NEW AMT, UNLOCK TOOL-2, BORNIO, ZWX) सॉफ्टवेयर इंस्टॉल था। जबकि 20-25 हजार रुपए कीमत का हार्डवेयर डिवाइस (हार्डवेयर टूल UFS, UFI, EASY JTAG) का यूज करते थे।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए ये पूरा काम होता था। आरोपियों ने बताया कि जिस मोबाइल का IMEI नंबर बदलना होता उसे पहले कम्प्यूटर से कनेक्ट करते थे। कम्प्यूटर से कनेक्ट करने के बाद इन सॉफ्टवेयर के जरिए पूरे फोन को रिस्टोर कर देते थे। इसके बाद जब इसमें मोबाइल की डिटेल मांगी जाती तो मॉडल नंबर और दूसरी जानकारी तो उसी फोन की रखते थे। लेकिन, जब IMEI नंबर सॉफ्टवेयर मांगता तो ये किसी पुराने कबाड़ हुए या फिर एक्सचेंट में आए फोन के IMEI नंबर डाल कर उसे अपडेट कर देते थे।
2 हजार से शुरू होती कीमत, रजिस्टर में कर रखी थी एंट्री
पुलिस ने चारों आरोपियों की दुकान से बड़ी संख्या में पुराने मोबाइल भी बरामद किए है। इनके पास एक रजिस्टर भी मिला है। इसमें 100 IMEI नंबर की डिटेल है, जिन्हें दूसरे मोबाइल के लॉक तोड़ अपडेट किया गया है। इसके अलावा ये लोग खराब हो चुके की-पेड और स्मार्ट फोन भी अपने पास रखते थे। आरोपियों ने जयपुर और जयपुर ग्रामीण में भी अपने कस्टमर बना रखे थे।
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