जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बनिहाल में NH-44 पर भारतीय सेना की सूझबूझ से एक बड़ी दुर्घटना होने से टल गई। यहां मंगलवार (2 जुलाई) को अमरनाथ यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक बस का ब्रेक फेल हो गया। हाईवे के किनारे गहरी खाई थी। बस में 45 लोग सवार थे, जो अमरनाथ से पंजाब लौट रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बनिहाल के पास नचलाना पहुंचने पर ड्राइवर को ब्रेक फेल होने का पता चला। बस काफी स्पीड में थी। ड्राइवर ने बस से कंट्रोल खो दिया था, जिससे गाड़ी तेजी से खाई की तरफ बढ़ने लगी। इससे बस में सवार यात्री दहशत में आ गए। जान बचाने के लिए यात्री चलती बस से कूदने लगे।
इसी दौरान सेना और पुलिस के जवानों ने बस की स्पीड को कम करने की कोशिश की। उन्होंने बस के पहियों के नीचे पत्थर रख दिए। इससे बस रुक गई और खाई में गिरने से बच गई। इस तरह एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें सेना के जवान बस के पीछे भागते हुए नजर आए। पुलिस ने बताया कि बस अमरनाथ से पंजाब के होशियारपुर जा रही थी। हादसे में 10 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। घायलों में 6 पुरुष और 3 महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। इनमें से कुछ को गंभीर चोटें भी आई हैं।
पिछले तीन दिनों के दौरान अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं के साथ एक्सीडेंट की यह दूसरी घटना है। इस घटना से दो दिन पहले 30 जून को पहलगाम के पास चंदनवाड़ी में अमरनाथ यात्रियों को ले जा रही एक कार का एक्सीडेंट हो गया था। इसमें दो श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर साल होने वाली पवित्र अमरनाथ यात्रा शनिवार (29 जून) से शुरू हो गई। पहले दिन 14 हजार यात्रियों ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। 52 दिन की यात्रा 19 अगस्त को खत्म होगी।
3 टियर सुरक्षा, 38 से ज्यादा कंपनियां तैनात
अमरनाथ यात्रा अनंतनाग में पारंपरिक 48 किमी लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटे, लेकिन कठिन बालटाल मार्ग से गुजरेगी। अनंतनाग जिले में 3 हजार 880 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून को श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस घटना को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
दोनों रूट के हाई सिक्योरिटी पॉइंट्स पर पुलिस की 13, SDRF की 11, NDRF की आठ, BSF की चार और CRPF की दो टीमों की तैनाती है। साथ ही पैरामिलिट्री की 635 कंपनियां तैनात हैं। ट्रैफिक निगरानी के लिए उधमपुर से बनिहाल तक 10 हाई-एंड कैमरे लगाए हैं।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.