राहुल बोले- राजनाथ ने शिव जी के सामने झूठ बोला:शहीद अग्निवीर के पिता ने बताया कि मुआवजा नहीं मिला, आर्मी बोली- 98 लाख रुपए दिए

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए लुधियाना के अग्निवीर अजय के परिवार को मुआवजा न मिलने का मुद्दा फिर उठाया। उन्होंने गुरुवार शाम को X पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि संसद में रक्षा मंत्री ने शिव जी की तस्वीर के सामने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में झूठ बोला।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 जुलाई को लोकसभा में कहा था कि शहीद अग्निवीरों के परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में मिलता है। जारी किए गए वीडियो में राहुल ने कहा है कि शहीद अग्निवीर के पिता ने सच्चाई बताई है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। रक्षा मंत्री को संसद, देश, सेना और शहीद अग्निवीर के परिवार से माफी मांगनी चाहिए।

राहुल की पोस्ट के तीन घंटे बाद आर्मी ने X पर एक पोस्ट में लिखा- सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अग्निवीर अजय के परिवार को मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसा नहीं है। परिवार को 98.39 लाख रुपए मुआवजे के रूप में दिए जा चुके हैं।

राहुल ने जो वीडियो पोस्ट किया उसमें वे शहीद अजय के पिता से बात करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में अजय के पिता ने कहा- हमें कोई मदद नहीं मिली। सेंट्रल गवर्नमेंट से कुछ नहीं मिला। कहा गया था कि पैसे आएंगे। इलेक्शन आ रहा है, लेकिन कुछ नहीं मिला है।

राजनाथ जी ने बयान दिया है कि 1 करोड़ रुपए परिवार को मिल चुके हैं, लेकिन हमें कोई मैसेज या कोई पैसा नहीं आया आज तक। राहुल गांधी हमारी आवाज उठा रहे हैं। शहीदों के परिवार को पूरी सहायता मिलनी चाहिए। अग्निवीर योजना बंद होनी चाहिए। रेगुलर भर्ती होनी चाहिए।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लोकसभा में चर्चा हुई थी
संसद सत्र के छठे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में 13 घंटे चर्चा हुई थी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावे को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने गलत बयान बताया था। स्कीम को लेकर 1 जुलाई को हुई तीनों नेताओं के बयानों को सिलसिलेवार

परिवार को 67 लाख रुपए और दिए जाएंगे। पुलिस वेरिफिकेशन के बाद बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। मुआवजे की कुल राशि 1.65 करोड़ रुपए हो जाएगी। सेना अग्निवीर अजय के बलिदान को सलाम करती है। आर्मी के पोस्ट को रक्षा मंत्री कार्यालय ने रिपोस्ट किया और लिखा- भारतीय सेना अग्निवीरों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

  • राहुल गांधी: पूरा देश जानता है कि ये सेना की स्कीम है। सेना जानती है कि ये स्कीम सेना की नहीं, PM का ब्रेन चाइल्ड है।
  • राजनाथ सिंह: ये गलत बयानबाजी कर रहे हैं। इस बयान को एक्सपंज करना चाहिए।
  • राहुल गांधी: इनको अच्छी लगती है, रखिए। हमारी सरकार आएगी हम हटा देंगे। अग्निवीर जवानों के खिलाफ, सेना के खिलाफ है।
  • राजनाथ सिंह: राहुल आप गलत बयान देकर सदन को गुमराह न करें। सरहद पर अगर कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है, तो उसे एक करोड़ रुपए मिलता है।
  • राहुल गांधी: सच्चाई क्या है, ये अग्निवीर जानता है।
  • अमित शाह: इसका सत्यापन किया जाना चाहिए और अगर वह साबित नहीं करते हैं तो सदन और देश से इसकी माफी मांगनी चाहिए।
  • पिता ने कहा था- सेना ने 48 लाख रुपए, AAP सरकार ने 1 करोड़ दिए
    अजय के पिता चरणजीत ने बताया था कि पंजाब की AAP सरकार ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की एक्सग्रेसिया ग्रांट दी। पंजाब सरकार की पॉलिसी के मुताबिक यह रकम सभी शहीदों के परिवारों को मिलती है। चरणजीत सिंह ने बताया कि भगवंत मान सरकार ने उनकी एक बेटी को नौकरी का भरोसा भी दिया है। इसके अलावा परिवार को सेना की तरफ से 48 लाख रुपए मिले हैं, लेकिन केंद्र सरकार से कुछ नहीं मिला।
  • लुधियाना जिले में खन्ना इलाके के रामगढ़ सरदारां गांव में रहने वाले अजय सिंह ने 12वीं पास करने के बाद फौज में भर्ती की तैयारी शुरू कर दी थी। फरवरी-2022 में वह अग्निवीर स्कीम के तहत आर्मी में भर्ती हुए थे। वे 23 जनवरी 2024 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एक लैंड माइन विस्फोट की चपेट आने से शहीद हो गए थे।

    शहीद अजय सिंह के पिता चरणजीत सिंह के मुताबिक, 6 बेटियों के बाद उनके परिवार में बेटे अजय का जन्म हुआ। चरणजीत सिंह गांव में मजदूरी करते थे। उन्होंने और उनकी पत्नी, दोनों ने जमींदारों के खेतों में काम करके बड़ी मुश्किल से अजय का पालन पोषण किया। उनकी बेटियां प्राइवेट नौकरी करती थीं। अजय थोड़ा बड़ा हुआ तो लोगों के घरों-दुकानों में पेंट करने लगे थे। कभी-कभी वे राजमिस्त्री के साथ दिहाड़ी पर भी चले जाते थे।

  • अग्निपथ योजना क्यों लाई गई?

  • वर्तमान में मेडिकल को छोड़कर हर कैडर में इस योजना के तहत भर्ती की जा रही है। इन्हें आर्मी, नेवी, वायुसेना कहीं भी तैनात किया जा सकता है। अग्निवीरों की सेवा कभी भी समाप्त की जा सकती है। चार साल के पहले सेवा नहीं छोड़ सकते, लेकिन विशेष मामलों में सक्षम अधिकारी की अनुमति से ऐसा संभव है।
  • सरकार का कहना है कि इस योजना से सिविल सोसाइटी के प्रतिभावान युवाओं को रोजगार मिलेगा और सेवारत सैनिकों की औसत आयु कम की जा सकेगी। सरकार का ये भी तर्क है कि नई पीढ़ी के आने से हमारी फोर्सेज तकनीकी रूप से समृद्ध होंगी और हमारे सुरक्षा बल आधुनिक होंगे। जब ये अग्निवीर चार साल बाद सेवा खत्म करके सामाजिक जीवन में जाएंगे तो समाज को एक डिसिप्लिन और स्किल्ड यूथ की फौज मिलेगी।
  • कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार ने ये योजना साल दर साल बढ़ते डिफेंस पेंशन अमाउंट को कम करने के लिए लॉन्च की है। नई परमानेंट भर्तियों के चलते हर साल सरकार पर पेंशन का बोझ बढ़ता जा रहा था।
  • ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिसर्च के अनुसार सरकार को एक अग्निवीर की लागत पूर्णकालिक भर्ती की तुलना में हर साल 1.75 लाख रुपये कम पड़ती है। 60,000 अग्निवीरों के एक बैच के लिए वेतन पर 1,054 करोड़ रुपये की बचत होगी।
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