इस्तीफे के बाद आज भाजपा अध्यक्ष से मिलेंगे किरोड़ीलाल मीणा अपनी ही सरकार को घेरने के संकेत दिए, बोले- क्षेत्र में मेरा प्रभाव कम हुआ

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गुरुवार को खुलासा किया वे 30 दिन पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री भजनलाल को 5 जून और 25 जून को मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे। सीएम ने इस्तीफा अस्वीकार कर दिया। फिर उन्होंने इस्तीफा मेल कर दिया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी संगठन या मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी नहीं है। चूंकि इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी, इसलिए मुकर नहीं सकता। हालांकि, सरकार ने अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। वहीं, उन्होंने कहा कि आज वे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मिलेंगे।

इसके बाद देखेंगे आगे क्या होता है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में उन्होंने कहा था कि उनके प्रभाव क्षेत्र वाली 7 में से एक भी सीट हारे तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।

भाजपा इनमें 4 सीटें हार गई। मामले पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा है कि कृषि मंत्री किरोड़ीलाल से सरकार में अपने अनुभव का लाभ देते रहने का अनुग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। हमारी कोशिश है कि वे मंत्री बने रहें।

आगे क्या? इस्तीफा मंजूर होना मुश्किल, क्योंकि उप चुनाव तक तो किरोड़ी को मंत्री रखना जरूरी

1. उप चुनाव वाली पांच में से तीन चौरासी, देवली व दौसा आदिवासी प्रभाव वाली सीटें हैं। किरोड़ी पद से हटे तो इन सीटों पर गणित गड़बड़ाएगा।

2. लोस चुनाव में पार्टी को आरक्षण खत्म करने के मुद्दे पर नुकसान हुआ था। इसे मैनेज करने में किरोड़ी की भूमिका अहम रही थी, आगे भी रहेगी।

3. सीएम के चेहरे पर उपचुनाव होंगे। ऐसे में भाजपा किसी भी बड़े समाज की नाराजगी नहीं चाहेगी।

इस्तीफे के मायने क्या?

  • क्षेत्र में सीटें नहीं जिता पाए, तो पूरी जिम्मेदारी ली। अन्य पर भी ऐसा दबाव बनाने की कोशिश।
  • तबादले-पोस्टिंग में भी पार्टी विधायकों की नहीं चलने का मैसेज जाए, ताकि सिस्टम बदले।

इस्तीफे के दो कारण यह भी

  • अंदरखाने चर्चा है कि डॉ. किरोड़ी अपनी इच्छा से लोगों को विभाग में नहीं लगा पा रहे थे।
  • डिप्टी सीएम नहीं बनाए जाने और मंत्री बनने पर महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलने का दबाव था। विभाग के दो टुकड़े करने की भी नाराजगी की चर्चाएं।

6 माह में दूसरा इस्तीफा

  • नई सरकार गठन के समय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेंद्रपाल सिंह टीटी चुनाव हार गए तो उन्हें भी उसी दिन इस्तीफा देना पड़ा था।
  • मीणा: लोकसभा चुनावों में मैंने कहा था कि आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होगी। पीएम मोदी ने इसकी गारंटी भी दी थी। इसके बावजूद लोगों ने मेरी नहीं सुनी। ये वो ही लोग थे, जिनके लिए 45 साल नि:स्वार्थ लड़ा। चुनाव में जातिवाद देखने को मिला। इससे मन बेहद आहत हुआ। हार हुई तो मन बेहद दुखी हुआ, इस्तीफा देकर शांत हुआ है।
  • इस्तीफे के दो कारण यह भी

  • अंदरखाने चर्चा है कि डॉ. किरोड़ी अपनी इच्छा से लोगों को विभाग में नहीं लगा पा रहे थे।
  • डिप्टी सीएम नहीं बनाए जाने और मंत्री बनने पर महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलने का दबाव था। विभाग के दो टुकड़े करने की भी नाराजगी की चर्चाएं।
  • 6 माह में दूसरा इस्तीफा

  • नई सरकार गठन के समय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेंद्रपाल सिंह टीटी चुनाव हार गए तो उन्हें भी उसी दिन इस्तीफा देना पड़ा था।

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