दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस नीना बंसल की बेंच ने शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के केस में CBI से 7 दिन में जवाब मांगा है।
कोर्ट ने दिल्ली CM से भी यह सवाल किया कि ट्रायल कोर्ट में अपील करने की जगह वे सीधे हाईकोर्ट क्यों पहुंचे। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
CBI ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वे 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं। दिल्ली CM शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं।
2 दिन पहले दायर की थी जमानत याचिका
केजरीवाल ने CBI केस में जमानत के लिए याचिका 3 जुलाई को लगाई थी। उनके वकील रजत भारद्वाज ने हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेदेला से जल्द सुनवाई करने की मांग की थी।
रजत भारद्वाज ने कहा था कि केजरीवाल को बिना सही न्यायिक प्रक्रिया का पालन किए हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने कहा था कि 4 जुलाई को ही इस पर सुनवाई होनी चाहिए।
इस पर जस्टिस मनमोहन ने कहा था कि संबंधित जज को दस्तावेज पढ़ने का समय मिलना चाहिए। इसके बाद मामले को 5 जुलाई के लिए लिस्ट किया गया था।
गिरफ्तारी-हिरासत को भी हाईकोर्ट में चुनौती
केजरीवाल ने CBI केस में अपनी गिरफ्तारी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के फैसले को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में जस्टिस नीना बंसल ने 2 जुलाई को सुनवाई की और CBI को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
केजरीवाल के खिलाफ ED-CBI के अलग-अलग मामले
केजरीवाल पर दो मामले दर्ज हैं। पहला ED का, जिसमें उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। दूसरा CBI का, जिसे शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर दर्ज किया गया। इस केस में 26 जून को केजरीवाल को दोबारा गिरफ्तार किया गया।
यह केस दिल्ली LG वीके सक्सेना की शिकायत पर दर्ज हुआ था। दोनों मामले अलग-अलग दर्ज किए गए हैं, इसलिए इनमें गिरफ्तारी भी अलग-अलग हुई है।
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