भजनलाल सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस बनाएगी शैडो कैबिनेट गहलोत, पायलट, डोटासरा, जूली के सा​थ युवा विधायक शामिल होंगे हर विभाग पर रखेंगे नजर

भजनलाल सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस इस बार शैडो कैबिनेट बनाने जा रही है। शैडो कैबिनेट में वरिष्ठ और युवा विधायकों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दी जाएगी। अनुभवी विधायकों के साथ पहली बार जीतकर आने वाले विधायकों को भी शैडो मंत्री बनाया जाएगा। शैडो मंत्रियों को उसी तरह विभाग बांटे जाएंगे, जिस तरह कैबिनेट में बांटे जाते हैं।

शैडो कैबिनेट में शामिल विधायकों को जो विभाग बांटे जाएंगे, वे उस विभाग के कामकाज पर नजर रखेंगे, उससे जुड़े डॉक्युमेंट जुटाएंगे। विभाग अगर किसी योजना में बदलाव करता है, या कोई गड़बड़ होती है। उसके दस्तावेज जुटाकर सबूत इकट्‌ठे करने के बाद विधानसभा और बाहर वह मुद्दा उठाया जाएगा। शैडो कैबिनेट की समय-समय पर बैठकें भी होंगी। इसमें सरकार को घेरने वाले मुद्दों को छांटा जाएगा।

जिसे जो विभाग मिलेंगे, वे विधायक उस विभाग के मंत्री को घेरेंगे
शैडो कैबिनेट में जिस विधायक को जो विभाग दिया जाएगा, वो उस विभाग के मंत्री को सदन में घेरेगा। विधानसभा में मुद्दे भी उसी विभाग के ज्यादा उठाएगा, जो विभाग उसे शैडो कैबिनेट में दिया जाएगा। भजनलाल सरकार के मंत्रियों पर कांग्रेस के शैडो मंत्री नजर रखेंगे।

भविष्य के मंत्रियों को ट्रेनिंग भी मिलेगी
शैडो कैबिनेट में पहले मंत्री रह चुके विधायकों की संख्या अच्छी खासी होगी। पूर्व मंत्री रहे विधायकों को अपने महकमे के बारे में पूरी जानकारी होती है। कहां क्या कमी है, उसका भी उन्हें अंदाजा होता है। विभागों में उनका नेटवर्क भी अच्छा होता है, इसलिए सूचनाएं जुटाने में आसानी रहती है। नए विधायकों को शैडो मंत्री बनाने से उन्हें सरकार के विभागों के कामकाज के तरीकों के बारे में जानकारी होगी। अलग-अलग मुद्दों पर काम करने से उनका विधानसभा में परफॉर्मेंस सुधरेगा। उन्हें आगे मंत्री बनाए जाने की हालत में ट्रेनिंग भी मिलेगी।

शैडो कैबिनेट में शामिल करने वाले चेहरों पर रहेंगी नजर
कांग्रेस की शैडो कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले चेहरों पर नजर रहेंगी। शैडो कैबिनेट में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व मंत्री अर्जुन बामणिया, हरीश चौधरी, अशोक चांदना, दयाराम परमार, हरेंद्र मिर्धा, हरिमोहन शर्मा, राजेंद्र पारीक, हाकम अली खान, लक्ष्मण मीणा, डॉ शिखा मील बराला, रफीक खान, रतन देवासी, भीमराज भाटी, मनीष यादव,विकास चौधरी, ललित यादव के नाम शामिल हो सकते हैं।

नेता प्रतिपक्ष बोले- शैडो कैबिनेट में अनुभव और जोश का मिक्स रहेगा
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- हम जल्द ही शैडो कैबिनेट बना रहे हैं। इसमें अनुभवी के साथ युवा विधायकों को भी जिम्मेदारी देंगे। आपने देखा होगा कि हमारे विधायक मुस्तैदी के साथ सरकार को घेर रहे हैं। शैडो कैबिनेट हर विभाग का ध्यान रखेगी।

जूली ने कहा- सरकार की 7 महीने की नीतियां जन विरोधी रही हैं। कांग्रेस की जन कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने के अलावा इन्होंने कोई काम नहीं किया है। ये कांग्रेस राज की योजनाओं की समीक्षा और उन्हें बंद करने से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं।

संसदीय कार्य मंत्री बोले- जनहित के मुद्दे उठाए तो हम जवाब देंगे
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- अभी तक तो कांग्रेस की शैडो कैबिनेट सामने आई नहीं है। अगर कांग्रेस शैडो कैबिनेट बनाकर जनहित के मुद्दे उठाती है तो अच्छी बात है। जनहित के मुद्दों का हम पुरजोर जवाब देंगे। अगर केवल व्यवधान पहुंचाने और सदन नहीं चलने देने की कोशिश कर रहे हैं तो कोई अर्थ नहीं है।

शैडो कैबिनेट का नियमों में कोई प्रावधान नहीं
शैडो कैबिनेट का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। विधानसभा के नियमों में भी कोई प्रावधान नहीं है। विपक्षी पार्टी अपनी सुविधा के लिए विधायकों को विभाग देकर उनके संबंधित दस्तावेज और मुद्दे तलाशने के लिए टास्क देती है। जिस विधायक को जिन-जिन विभागों की जिम्मेदारी दी जाती है। वो उससे संबंधित सवाल लगाने के अलावा दूसरे तरीके से भी दस्तावेज और सबूत जुटाते हैं।

विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए शैडो कैबिनेट से विपक्ष को फायदा होता है। इससे सालभर तैयारी चलती रहती है। विपक्ष के पास लगातार अपडेट मिलते रहते हैं। अलग से तैयारी के लिए पार्टी को बार-बार जिम्मेदारी नहीं देनी होती।

पहले भी कांग्रेस-बीजेपी बनाते रहे हैं शैडो कैबिनेट
राजस्थान में पहले भी शैडो कैबिनेट बनती रही है। साल 2003 से 2008 के बीजेपी राज के समय कांग्रेस ने शैडो कैबिनेट बनाई थी। उस वक्त सीपी जोशी, हरिमोहन शर्मा, संयम लोढ़ा वसुंधरा सरकार पर सदन में खूब हमलावर रहे।

शैडो कैबिनेट में शामिल नेता दस्तावेज जुटाकर वसुंधरा सरकार को घेरने की रणनीति बनाते थे। इसके बाद जब 2008 में कांग्रेस सरकार बनी तो बीजेपी ने शैडो कैबिनेट बनाई थी। उस वक्त गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सराफ, मदन राठौड़, अशोक परनामी सहित कई वरिष्ठ विधायक शैडो कैबिनेट में रहे।

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा | विधानसभा उपचुनाव में वसुंधरा-पायलट की भूमिका होगी अहम, बीजेपी-कांग्रेस के ये दिग्गज भी दिखाएंगे अपना दम! | करंट से युवक की मौत, मासूमों के सिर से उठा पिता का साया गम मे बदली दिवाली की खुशियां | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण |