प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान पुतिन ने कहा, 'यूक्रेन संकट का जो आप हल निकलने की कोशिश करते हैं हम उसके आभारी हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
इससे पहले मोदी ने विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है। इसके बाद वे रूस के एटम पवेलियन पहुंचे। इसे रूसी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का हब कहा जाता है। दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजागी जताई है। उन्होंने मोदी के दौरे को यूक्रेन में शांति की कोशिशों को बड़ा झटका बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।' कहा कि एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि युद्ध के मैदानों से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है।
मोदी-पुतिन शिखर वार्ता की बड़ी बातें...
"पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। आतंकवाद कितना भयानक होता है वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं। इसलिए, जब मॉस्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा इसकीमैं कल्पना कर सकता हूं। मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं।"
जंग पर पुतिन को नसीहत
शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मुझे बहुत खुशी है। मैं विश्व समुदाय को आश्वत करना चाहता हूं कि भारत शांति का पक्षधर है।
रूसी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के हब में मोदी
मोदी मॉस्को में ऑल रशियन एग्जीबिशन सेंटर पहुंचे जहां उन्होंने एटम पवैलियन का दौरा किया। इसे न्यूक्लियर एनर्जी का हब माना जाता है। मोदी ने इस दौरान रूस के परमाणु पनडुब्बी का मॉडल देखा।
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