खाजूवाला विधायक और पूर्व संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को रविवार सुबह हार्ट अटैक आया। उन्हें तुरंत परिजन पीबीएम अस्पताल में स्थित हल्दीराम हार्ट केयर सेंटर लेकर गए। जहां उन्हें स्टंट लगाया गया है। विधायक डॉ. विश्वनाथ अब खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
सुबह सीने में दर्द उठा
डॉ. मेघवाल की पत्नी विमला मेघवाल ने दैनिक भास्कर को बताया कि रविवार सुबह छह बजे से उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ था और घबराहट और पसीना आने की शिकायत थी। वे स्वयं एमबीबीएस डॉक्टर हैं, ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य गड़बड़ लगा तो परिजनों को सूचना दी। स्वयं उन्होंने ही अस्पताल चलने और इसीजी करने की सलाह दी। काडिर्योलोजिस्ट डॉ. पिंटू नाहटा को सूचना दी गई। मेघवाल के अस्पताल पहुंचते ही वहां इसीजी की गई। जिसमें अंतर पाया गया। इस पर उन्हें तुरंत कैथ लेब में लिया गया। जहां डॉ. पिंटू नाहटा ने तुरंत एंजियोग्राफी की। इसमें करीब नब्बे फीसदी आर्टरी ब्लॉक पाई गई। स्थिति खतरनाक देखते हुए डॉ. विमला मेघवाल से चर्चा के बाद हाथों हाथ स्टंट लगाया गया। उन्हें कुछ दिन आराम करने की सलाह दी गई है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन हल्दीराम सेंटर पर रहने के बाद उन्हें जयपुर रेफर किया जा सकता है। फिलहाल उन्हें किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी व उनके कुछ परिजन ही मेघवाल से मिल सके हैं।
हो सकता था कार्डियक अरेस्ट
हल्दीराम अस्पताल के डॉ. पिन्टू नाहटा ने बताया कि मेन आर्टरी में ब्लॉकेज के कारण डॉ. मेघवाल की स्थिति क्रिटिकल थी। उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत थी, अगर ऐसा नहीं होता तो कार्डियेक अरेस्ट हो सकता था। ऐसे में तुरंत एक स्टंट लगाया गया है। जिसके बाद उनकी स्थिति नियंत्रण में है।
एक-दो दिन बाद मिलेंगे
डॉ. मेघवाल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि वो अब स्वस्थ हैं और डॉक्टर ने किसी से मिलने से इनकार किया है।ऐसे में दो-चार दिन बाद एकदम ठीक होने के बाद ही सभी से मिल सकेंगे।
तीसरी बार विधायक बने हैं विश्वनाथ
खाजूवाला से डॉ. विश्वनाथ मेघवाल तीसरी बार विधायक बने हैं। हाल ही में संपन्न चुनाव में उन्होंने कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल को करीब तीस हजार वोट से हराया था। इससे पहले भी दो बार उन्होंने खाजूवाला से ही चुनाव जीता था।
पेशे से डॉक्टर हैं
डॉ. विश्वनाथ मेघवाल स्वयं एमबीबीएस डॉक्टर हैं। पहले वो बीकानेर शहर के कई अस्पतालों में डॉक्टर रह चुके हैं। बाद में उनका स्थानान्तरण खाजूवाला कर दिया गया। डॉक्टर्स एसोसिएशन की राजनीति करते हुए उन्होंने खाजूवाला से ही भाजपा का टिकट मांग लिया और सरकारी सेवा से त्यागपत्र दे दिया। पहला चुनाव भी उन्होंने गोविन्दराम मेघवाल को ही हराया था।
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