रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में बर्खास्त पुलिस उप अधीक्षक (DSP) कैलाश बोहरा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बोहरा व उसके दो साथियों के खिलाफ युवा राजबोहरा बावरी समाज सेवा संघ के नाम से फर्जी रसीदें काटने का आरोप है। समाज के लाखों रुपए का गबन करने के आरोप में पुष्कर पुलिस ने एसपी के आदेश पर केस दर्ज किया है।
बावरी समाज के पुष्कर स्थित सत्यनारायण मंदिर निवासी रमेश बावरी ने युवा राजबोहरा बावरी समाज सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष तथा जोधपुर निवासी दयाराम ने सेवा संघ के महासचिव की हैसियत से एसपी देवेंद्र बिनश्नोई को परिवाद पेश किया।
इसमें उन्होंने बर्खास्त पुलिस उप अधीक्षक बोहरा व उसके साथी हुनावास (पाली) निवासी गुमान सिंह एवं बगड़ (नागौर) निवासी दिनेश बगड़ के खिलाफ षड्यंत्रपूर्वक समाज की संस्था के नाम से फर्जी रसीद बुक छपवा कर समाज के लोगों से अवैध वसूली करने तथा वसूली गई लाखों रुपए की राशि अपने निजी बैंक खातों व अन्य रिश्तेदारों के खातों में जमा कराने का आरोप लगाया।
साथ ही समाज के लोगों से वसूले गए रुपए अपने निजी काम में लेने का भी आरोप जड़ा।
संस्था का स्वयंभू अध्यक्ष बताया
परिवाद में यह भी स्पष्ट किया है कि तीनों आरोपियों को संस्था के संविधान के अनुसार समाज के लोगों से किसी भी प्रकार की वसूली करने अथवा संस्था के नाम से रसीदें काटने का अधिकार नहीं है। संस्था के संविधान के अनुसार कोई भी नैतिक, सामाजिक अपराध में किसी न्यायालय द्वारा दंडित व्यक्ति संस्था का सदस्य नहीं बन सकता।
बोहरा खुद को संस्था का स्वयंभू अध्यक्ष बता रहा है। परिवादी रमेश व दयाराम का आरोप है कि आरोपी बोहरा आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ मिलकर अपने हथियारों का दुरुपयोग कर समाज के लोगों को डरा-धमका रहा है।
परिवाद में बोहरा के हथियारों की जांच करने तथा अगर लाइसेंसी हथियार हो तो लाइसेंस निरस्त करने का आग्रह किया है। परिवाद के साथ फर्जी रसीद, संस्था के कूटरचित लेटरपैड, संविधान आदि की फोटो प्रति भी संलग्न करते हुए आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रार्थना की है।
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