राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के तहत दिया जाने वाला गेहूं या राशन अब मोबाइल पर ओटीपी के जरिए लेना आसान नहीं होगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग इस पर कंट्रोलिंग करते हुए हर राशन डीलर को एक दिन में अधिकतम 3 ही ट्रांजेक्शन करने की लिमिट निर्धारित की है। हर एक ट्रांजेक्शन पर के बीच करीब 30 मिनट या उससे ज्यादा का अंतर होना चाहिए।
विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक विभाग को कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि जनआधार या आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए राशन वितरण में गड़बड़ी हो रही है। कुछ राशन डीलर के यहां एनएफएसए में रजिस्टर्ड व्यक्ति नियमित गेंहू नहीं लेते हैं। उन लाभार्थियों से उनके फोन पर आए ओटीपी को पूछकर राशन डीलर गेहूं का स्टॉक उठा लेते हैं। फिर बाजार में बेच देते है।
इसे देखते हुए विभाग ने अब ओटीपी के जरिए राशन की प्रक्रिया को सीमित करने और अधिकतम एक दिन में 3 ही लाभार्थियों को ही ओटीपी के जरिए राशन देने का निर्णय किया है।
बिना बायोमेट्रिक के नहीं दे सकेंगे राशन
विभाग के आदेशों के मुताबिक हर राशन डीलर को अब लाभार्थी परिवार के किसी भी एक सदस्य का बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगूठा लगाकर) करने के बाद ही गेहूं देना होगा। अगर किसी लाभार्थी परिवार का बायोमेट्रिक सत्यापन होने में तकनीकी समस्या आती है तो उसे ओटीपी के जरिए राशन दिया जाएगा। एक राशन डीलर एक दिन में अधिकतम 3 ही लाभार्थी को ओटीपी के जरिए राशन दे सकेगा। हर एक लाभार्थी को ओटीपी के जरिए राशन देने के 30 मिनट बाद दूसरे लाभार्थी को राशन दिया जा सकेगा।
बाइपास की सुविधा अब केवल डीएसओ के पास
ऐसे लाभार्थी जिनके बायोमेट्रिक हाजिरी या मोबाइल पर ओटीपी की तकनीकी समस्या रहती है। उन लाभार्थियों को विभाग के प्रवर्तन अधिकारी एक ऑथोराइज्ड सर्टिफिकेट जारी करते है। इस सर्टिफिकेट के जरिए निर्धारित स्थान पर राशन डीलर लाभार्थी को राशन देते है।
इस प्रक्रिया को बाइपास सिस्टम कहते है। अभी तक बाइपास की सुविधा प्रवर्तन अधिकारी के जरिए मिलती थी, लेकिन अब जिले में जिला रसद अधिकारी ही इसकी सुविधा दे सकेंगे, लेकिन इसके लिए भी जिला रसद अधिकारी को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी। विभाग हर महीने की अलग-अलग अनुमति जारी करेगा।
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