कोटा नगर निगम दक्षिण में मेयर पद को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। एक तरफ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मेयर राजीव अग्रवाल के इस्तीफे की मांग कांग्रेस कर रही है दूसरी तरफ, इस मामले को लेकर मेयर और उनकी टीम ने चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस पार्टी के पार्षद मामले में कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर डिप्टी मेयर पवन मीणा और पार्षदों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को भी पत्र भेजा है।
पत्र में महापौर राजीव अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने के बावजूद महापौर पद पर बने रहने की आलोचना की गई है। कांग्रेस पार्षद दल का कहना है कि महापौर का किसी अन्य दल में शामिल होने पर अपने पद से इस्तीफा देना अनिवार्य है, जो अब तक नहीं दिया गया है। इसे लेकर पार्षदों ने पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से भी मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था। धारीवाल ने राज्य सरकार के इस मामले में उदासीन रवैये पर नाराजगी जाहिर की है और इसे विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया। धारीवाल ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और राज्य सरकार को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। नगर निगम में एक ही दल के महापौर और नेता प्रतिपक्ष का होना नियमों के खिलाफ है और लोकतंत्र के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि कोटा दक्षिण नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड है। महापौर राजीव अग्रवाल पहले कांग्रेस में थे। लोकसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी जॉइन कर चुके है। अब कोटा दक्षिण में मेयर ओर नेता प्रतिपक्ष दोनों ही बीजेपी के है। इस मामले को लेकर निगम ने डीएलबी से भी मार्गदर्शन मांगा है।
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