गुजरात ASI की हत्या के मामले में उसके ममेरे और मौसेरे भाइयों ने पूछताछ में नए खुलासे किए हैं। भाइयों ने ASI को घर पर ही मारा था, वो उनके जोधपुर आने का इन्तजार 3 महीने से कर रहे थे। इसके बाद इसे लूट की शक्ल देने के लिए गाड़ी को घर से 20 किमी दूर नहर की तरफ ले गए। यहां उन्होंने गाड़ी में अपने हाथों से खून लगाया और शव को नहर में फेंककर बाहर आ गए।
3 महीने पहले ही बना लिया था प्लान
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि दोनों आरोपियों भोम सिंह और दुर्ग सिंह ने चतुर सिंह के मर्डर का प्लान 3 महीने पहले ही बना लिया था। 4 महीने पहले जब चतुर सिंह ठाडिया (चामू) आया था। तब उसके भाइयों ने उसे युवती से बात करते देखा था। दोनों को इस बात का शक था कि दोनों के बीच कुछ चक्कर चल रहा है। इसके बाद लोकलाज के डर से दोनों ने उस समय तो चतुर सिंह को कुछ नहीं कहा लेकिन, इसके बाद उसके दोबारा लौटने का इंतजार करने लगे थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 7 जून को नानी के 12वें पर उन्होंने चतुर सिंह और युवती को रात में एक साथ संदिग्ध अवस्था में देख लिया था। इसके बाद उनका शक पुख्ता हो गया।
घर में ही की थी ASI की हत्या
जोधपुर ग्रामीण एडिशनल एसपी भोपाल सिंह लखावत ने बताया- चतुर सिंह इसके बाद अपनी नानी का स्वर्गवास हो जाने पर छुट्टी लेकर ननिहाल ठाडिया (चामू) आए थे। भोम सिंह और दुर्ग सिंह ने घर में ही चतुर सिंह से इस मामले को लेकर पूछताछ की। इसके बाद दोनों भाइयों और चतुर सिंह के बीच हाथापाई हो गई, दोनों ने उन्हें बुरी तरह लाठियों और डंडों से पीटा। इसके बाद दोनों ने मिलकर चतुर सिंह का गला दबा दिया। चतुर सिंह की वहीं मौत हो गई।
शव को 20 किमी दूर ले जाकर नहर में फेंका
दोनों आरोपी भाई इससे घबरा गए थे। उन्होंने साजिश के तहत ASI की स्विफ्ट कार में उसे डाला और घर से 20 किमी दूर गगाड़ी में नहर के पास ले गए। उन्होंने ASI के शरीर से निकल रहे खून को ही गाड़ी के दरवाजों और सीटों पर लगा दिया। इसके बाद रुपए और सर्विस पिस्टल निकाल ली। पिस्टल को दोनों आरोपियों ने नहर में फेंक दिया और सबूत मिटाने के लिए शव को नहर में डाल दिया।
लोकेशन के आधार पर पकड़े गए
एडिशनल SP भोपाल सिंह ने बताया- 11 जून को चतुर सिंह के भाई करण सिंह भाटी ने रिपोर्ट दी थी। मामला हाई प्रोफाइल था और ऐसे में इंटेलिजेंस की मदद ली गई। इसमें राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल पंपिंग स्टेशन 07 गगाड़ी (चामू थाना इलाके) के आसपास हत्या के दिन जितने भी फोन एक्टिव थे उनकी डिटेल निकाली गई। इसमें 2 फोन भोम सिंह और दुर्ग सिंह के एक्टिव थे। पुलिस ने दोनों को शनिवार को गिरफ्तार कर मामले पूछताछ की तो दोनों ने हत्या की बात कबूली।
एडिशनल SP भोपाल सिंह ने बताया- आरोपियों ने चतुर सिंह को मारने के बाद उनकी पिस्टल नहर में फेंक दी थी। जिसे आज SDRF टीम की मदद से नहर से निकाला गया है। पुलिस चतुर सिंह के फोन की तलाश में जुटी है।
इस पूरे मामले के खुलासे में ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव के सुपरविजन में एडिशनल एसपी भोपाल सिंह लखावत, जयदेव, कैलाश कंवर सहित चामू थाने के थाना अधिकारी ओमप्रकाश, हेड कॉन्स्टेबल करनाराम, श्रवण राम, सुरेश पूनिया महिपाल और प्रेम सिंह और कॉन्स्टेबल खींयाराम की भी भूमिका रही।
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