किशनगढ़ के सरकारी शिक्षण संस्थानों में 1 जुलाई से मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना लागू होगी। राज्य सरकार ने बजट सत्र में इस योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत वंचित वर्गों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में काजी से कॉलेजों में पीजी तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी।
वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट भाषण के दौरान गरीबों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के तहत शिक्षा विभाग ने योजना को एक जुलाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी फिलहाल योजना से जुड़े नियमों का अध्ययन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना में चयनित वर्ग के विद्यार्थियों को नए प्रवेश सत्र में लाभ मिलेगा। इनसे राजकीय निधि नहीं ली जाएगी। सिर्फ कॉलेज विकास, छात्र कल्याण एवं सुविधा के शुल्क ही लिए जाएंगे। अल्प आय वर्ग जिन अभिभावकों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपए या इससे कम है, उनके बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। ऐसे व्यक्ति जिनके पास खुद की कृषि भूमि नहीं होती लेकिन, ये किसानों की भूमि पर मजदूर या श्रमिक के रूप में कार्य करते हैं या जिनके पास खेती के लिए थोड़ी सी भूमि होती है और वह अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कृषि मजदूर बनकर कार्य करते हैं।
योजना में अल्प आय वर्ग, लघु, सीमांत, बंटाईदार किसानों और खतीहर श्रमिकों के परिवार के छात्र-छात्राओं को केजी से पीजी तक नि:शुल्क शिक्षा दी जानी है। योजना में सरकारी कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को योजना के तहत राजकीय निधि कोष की राशि माफ की जाएगी। क्रियान्वयन कॉलेज के प्राचार्य करेंगे। आवेदन पत्र में निर्धारित कॉलम में आवेदक के दस्तावेज अपलोड करने के बाद प्रवेश नीति में फीस से संबंधित बिंदु शामिल होगा और महा विद्यालयों की फीस संरचना से संबंधित परिवर्तन किए जाएंगे।
योजना में बंटाईदार किसान एवं खेतीहर श्रमिक ऐसे व्यक्ति जिनके पास नरेगा जॉब कार्ड, उज्ज्वला योजना में चयनित, राज्य सरकार में अन्य पंजीकृत योजना में चयनित, उस गांव का राशन कार्ड या मूल निवास प्रमाण पत्र, लघु, सीमांत, बंटाईदार किसानों और खेतीहर श्रमिकों की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए या इससे कम होनी चाहिए।
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