यमुना जल संघर्ष समिति ने राज्य की भजनलाल सरकार पर झुंझुनूं जिले की जनता के साथ यमुना जल समझौते को लेकर धोखा करने का आरोप लगाया है। यमुना जल संघर्ष समिति संयोजक यशवर्धन सिंह शेखावत ने कहा कि इस साल 17 फरवरी को राजस्थान और हरियाणा के बीच यमुना जल समझौते को लागू करने के लिए नए सिरे से डीपीआर बनाने का एमओयू किया गया। डीपीआर तैयार करने के लिए चार महीने 17 जून 2024 तक की मियाद तय की गई। मगर समय निकल जाने के बावजूद राज्य सरकार ना तो कोर्ट में और ना ही जनता के सामने प्रगति रिपोर्ट पेश कर पाई।
लोकसभा चुनाव से पहले एमओयू की कॉपी तक सार्वजनिक नहीं की गई। यशवर्धन शेखावत ने कहा भजनलाल सरकार लोकसभा चुनाव तक जनता को भ्रमित कर समय निकालना चाहती थी। मगर जनता ने चुनाव में वोट ना देकर करारा जवाब दिया है। अब एमओयू में तय की गई समय सीमा बीत जाने के बाद फिर से 4 महीने में DPR बनाने की मियाद मांगी जा रही है। जो जनता के साथ सरासर धोखा है। यमुना जल संघर्ष समिति को अंदेशा है कि हरियाणा में चार महीने बाद होने वाले चुनावों में यदि सत्ता परिवर्तन हो गया तो यमुना जल समझौता फिर से राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा। इसलिए यमुना जल संघर्ष समिति ने झुंझुनूं उपचुनाव और हरियाणा चुनाव से पहले डीपीआर बना कर केंद्रीय जल आयोग से अप्रूव करवाने की मांग की है।
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