माफिया बोला- NEET पेपर लीक होगा…हो गयाजो नाम बताए, जांच में वही निकले 10 से ज्यादा पेपर लीक

5 मई को NEET का पेपर था। इससे 41 दिन पहले 24 मार्च, 2024 को एक वीडियो सामने आया। वीडियो में सफेद गमझे से चेहरा छिपाए एक शख्स कहता है कि NEET का पेपर लीक होगा। जेल से इसकी तैयारी चल रही है। ये दावा करने वाला विजेंद्र गुप्ता था। विजेंद्र पर बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का आरोप है।

NEET का पेपर लीक होने का दावा विजेंद्र गुप्ता ने बिहार की दानापुर पुलिस के सामने सरेंडर करने से पहले किया था। इससे पहले उसने मीडिया को इंटरव्यू दिया। वीडियो में विजेंद्र ने जेल में बंद विशाल चौरसिया, उसके करीबी अजीत और अजय चौहान का नाम लिया।

विशाल चौरसिया पर दिल्ली, बिहार, UP और ओडिशा में पेपर लीक के 10 से ज्यादा केस दर्ज हैं। मार्च, 2024 से वो जेल में है। विजेंद्र ने कोलकाता की एक प्रिंटिंग प्रेस कंपनी के डायरेक्टर का नाम लेकर कहा कि उसी से सेटिंग करके विशाल ने कई पेपर लीक कराए हैं।

पेपर लीक की जांच कर रही बिहार EOU के सोर्सेज के मुताबिक, अब तक की जांच में पता चला है कि NEET का पेपर ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक हुआ है। वहीं, EOU के DIG मानवजीत ढिल्लो ने कहा कि बिहार पुलिस 8 जुलाई को इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट में देगी।

17 जून, 2024 को दैनिक भास्कर ने बताया था कि UP में पुलिस भर्ती परीक्षा, बिहार टीचर भर्ती परीक्षा और बिहार में NEET पेपर लीक का पैटर्न एक जैसा है। विजेंद्र ने वीडियो में जो नाम लिए हमने उनकी भी पड़ताल की।

पहले जानिए विजेंद्र गुप्ता ने 24 मिनट के वीडियो में क्या-क्या कहा…
NEET का एग्जाम कराने वाली संस्था ध्यान दे, इस बार विशाल चौरसिया जेल में रहकर पेपर लीक कराएगा। जहां तक मेरी जानकारी है कि NEET का पेपर ब्लेसिंग सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड में प्रिंट होने के लिए गया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी कोई भी हो, लेकिन प्रिंटिंग उसी कंपनी में हो रही है, तो NEET फिर सुरक्षित नहीं रहेगा।

जेल में विशाल चौरसिया ने मेरे आदमी के सामने कहा था कि इस बार NEET भी मेरी कंपनी के पास है। विशाल चौरसिया ओडिशा जेल में रहते हुए बिहार सिपाही भर्ती का पेपर लीक करा सकता है, तो उसे NEET का पेपर लाने में क्या दिक्कत है।

विशाल चौरसिया का कम से कम 100 करोड़ का टर्नओवर है। उसका लिंक UP के जौनपुर में रहने वाले अजीत और अजय चौहान से भी है। विशाल चौरसिया की सेटिंग प्रिंटिंग प्रेस में है। वो प्रिंटिंग प्रेस में बाइंडिंग डिपार्टमेंट में था। कोलकाता के ब्लेसिंग सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर की पुरानी क्रिमिनल हिस्ट्री है।

बिहार टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर भी इसी प्रिंटिंग प्रेस में छपा था। उस कंपनी को कई बार टेंडर मिला है। वहीं से पेपर लीक हुए हैं। प्रेस का मालिक कौशिक कुमार धर तीन साल पहले UP में मंडी इंस्पेक्टर परीक्षा पेपर लीक में जेल गया था। अजीत चौहान, कौशिक का पुराना साथी है। वो भी जेल गया था। वहीं दोनों के अच्छे लिंक बने थे।

विजेंद्र ने जो नाम लिए, UP-STF की इंटरनल जांच रिपोर्ट में भी वही नाम
विजेंद्र ने वीडियो में विशाल चौरसिया, अजीत चौहान और अजय चौहान का नाम लिया है। यही नाम पेपर लीक की जांच कर रही UP-STF की इंटरनल रिपोर्ट में भी हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि पकड़े गए आरोपियों ने बताया है कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक कराने में संजीव सिंह, उसका बेटा डॉ. शिवकुमार उर्फ बिट्टू, विशाल चौरसिया और अजीत चौहान शामिल थे।

ये सभी 17-18 फरवरी को हुई UP पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कराने में रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा के साथ थे। 18 अप्रैल, 2024 को UP-STF ने अजीत और अजय चौहान को अरेस्ट कर लिया था।

पुलिस को दिए बयान में दोनों ने कबूल किया था कि इन लोगों ने 2018 में UP LT ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। इसमें प्रिंटिंग प्रेस ब्लेसिंग सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड का मालिक भी शामिल था। UP-STF की रिपोर्ट से साफ है कि विजेंद्र सिंह के दावे, पुलिस की जांच रिपोर्ट में भी है।

विजेंद्र ओडिशा में अरेस्ट हुआ, जमानत मिलने के बाद सरेंडर किया
पेपर लीक का आरोपी विजेंद्र गुप्ता बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है। इसके पिता आटा चक्की चलाते हैं। मार्च, 2022 में नकल माफिया पर कार्रवाई के दौरान उसका नाम सामने आया था। तब से विजेंद्र फरार चल रहा था।

जुलाई, 2023 में ओडिशा में SSC एग्जाम का पेपर लीक हुआ था। इस मामले में विजेंद्र को बालासोर में अरेस्ट किया गया था। जमानत पर बाहर आने के बाद मार्च, 2024 में वो समस्तीपुर आया। यहीं उसने बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरेंडर कर दिया था।

तो पता चला कि UPPSC की LT ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 29 जुलाई, 2018 को हुई थी। इसका पेपर लीक होने की जांच में प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर कौशिक कुमार का नाम आया था। इसका पेपर परीक्षा से एक दिन पहले लीक हुआ था। इस मामले में कौशिक को 28 मई, 2019 को वाराणसी से अरेस्ट किया गया था।

इस केस में अंजू लता कटियार, अजय चौहान और अजीत चौहान समेत कई लोग आरोपी बनाए गए थे। यानी, वीडियो में विजेंद्र गुप्ता ने 3 साल पहले इन लोगों की गिरफ्तारी और प्रिंटिंग कंपनी की मिलीभगत होने के जो दावे किए, वे सही निकले।

बिहार में NEET पेपर लीक में पकड़े गए सिकंदर और नीतीश, पढ़िए इनका कबूलनामा
बिहार पुलिस ने NEET पेपर लीक में समस्तीपुर के सिकंदर यादवेंदु को गिरफ्तार किया है। सिकंदर जूनियर इंजीनियर है। उससे पूछताछ के बाद ही NEET पेपर लीक का खुलासा हुआ था। उसकी निशानदेही पर दूसरे आरोपी और एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को अरेस्ट किया गया। सिकंदर और उसके साथ पकड़े गए नीतीश का कबूलनामा दैनिक भास्कर के पास है।

सिकंदर यादवेंदु का कबूलनामा
मेरा नाम सिकंदर यादवेंदु है। उम्र-56 साल। समस्तीपुर में घर है। मौजूदा पता RPS रोड, थाना रूपसपुर, जिला पटना। मैं दानापुर, पटना में जूनियर इंजीनियर हूं। कुछ दिन पहले मैं अमित आनंद और नीतीश कुमार से मिला था। दोनों नगर निगम कार्यालय में आए थे। बातचीत में उन्होंने बताया कि हम लोग NEET, BPSC/UPSC परीक्षा के पेपर लीक कराते हैं।

पेपर के सवाल बच्चों को याद करवाकर उन्हें पास करवा देते हैं। इसके लिए 30 से 32 लाख रुपए देना पड़ेगा। NEET के एग्जाम में पास करवा देंगे। मैंने कहा कि कुछ बच्चे मेरे भी हैं। आप उन्हें पास करवा दीजिए।

अमित आनंद और नीतीश इसके लिए तैयार हो गए। दोनों ने बताया कि 24 घंटे पहले बच्चों को सवालों के जवाब रटवा देंगे। वही सवाल एग्जाम में आएंगे। मैं अमित आनंद और नीतीश से बात करता रहा।

4 मई की रात बच्चों को जवाब रटवाने के लिए बुलाया। मैं चार बच्चों आयुष राज, अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार और अभिषेक कुमार को उनके पास ले आया। अनुराग यादव मेरे साले संजीव कुमार का लड़का है। वो अपनी मां रीना कुमारी के साथ एग्जाम देने गया था।

उनके रुकने का इंतजाम मैंने एयरपोर्ट के पास NHAI के गेस्ट हाउस में करवाया था। दूसरे कैंडिडेट आयुष राज के पिता अखिलेश कुमार के साथ तय हुआ कि वे सभी बच्चों को होटल ग्रैंड पैलेस, रामकृष्ण नगर के पास अमित आनंद के पास पहुंचा देंगे।

अमित उन्हें नीतीश कुमार तक पहुंचाएगा। नीतीश सभी बच्चों को रामकृष्ण नगर में लर्न प्ले स्कूल और लर्न बॉयज हॉस्टल में ले जाएगा। वहीं बच्चों को जवाब रटवाए जाएंगे। सभी से 40-40 लाख रुपए लेने की बात तय थी। अखिलेश से कम पैसा लेना था, क्योंकि वो पहले से परिचित है। इसी तरह अनुराग आनंद भी रिलेटिव हैं। इसलिए दोनों से कम पैसे लेने की बात हुई थी।

एग्जाम वाले दिन शास्त्री नगर पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान हमें पकड़ लिया। हमारी गाड़ी से अभिषेक कुमार, शिवनंदन, आयुष राज और अनुराग यादव के एडमिट कार्ड मिले। मेरे साथ अखिलेश और बिट्टू कुमार को गिरफ्तार किया गया।

इसके बाद अमित आनंद, नीतीश कुमार, आयुष राज, अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार, अवधेश कुमार, आशुतोष कुमार, रीना कुमारी को अरेस्ट किया गया।

गेस्ट हाउस में रुके आरोपी, मंत्री के नाम पर रूम की बुकिंग
सिकंदर यादवेंदु ने अनुराग यादव के लिए NHAI के गेस्ट हाउस में रूम बुक कराया था। गेस्ट हाउस के रिकॉर्ड में अनुराग यादव के नाम पर कमरे की बुकिंग है। साथ में लिखा है कि ‘मंत्री जी’ और लेटर नंबर 440। मंत्री जी कौन हैं, ये अभी साफ नहीं हैं। माना जा रहा है कि सिकंदर यादवेंदु की पहुंच मंत्री स्तर तक रही है। इसकी जांच की जा रही है।

नीतीश कुमार का कबूलनामा
मेरा नाम नीतीश कुमार, उम्र- 32 साल है। मेरी दोस्ती सिकंदर यादवेंदु से हुई थी। मैं उनसे अमित आनंद के साथ मिला था। हमने उन्हें बताया कि हम किसी भी एग्जाम का पेपर लीक करवाकर बच्चों को पास कराते हैं। इसके बदले 30 से 32 लाख रुपए लेंगे। सिकंदर इसके लिए तैयार हो गया। उसने कहा कि मेरे पास चार लड़के हैं।

हमने 4 मई की रात इन बच्चों को बुलाया। वहां सभी को जवाब रटवाए। अगले दिन सिकंदर को पुलिस ने पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर हम लोग भी पकड़े गए। हम लोग जहां बच्चों को जवाब रटवा रहे थे, वहां से पुलिस ने पेपर का जला टुकड़ा जब्त किया है। मैं BPSC का पेपर लीक कराने के मामले में भी जेल गया था।

पूर्व DGP बोले- पेपर लीक करोड़ों का कारोबार, NSA लगाकर रोके सरकार
UP के पूर्व DGP विक्रम सिंह अभी नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे पेपर लीक की वजहों और इसे रोकने के तरीकों पर बात की।

सवाल: UP पुलिस भर्ती परीक्षा, बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हुए। अभी NEET की भी चर्चा है। इसके पीछे कौन जिम्मेदार हैं?
जवाब:
 पेपर लीक कराने वाले माफिया तो आखिरी प्रोडक्ट की तरह हैं। ये तो डिमांड और सप्लाई पर काम कर रहे हैं। पहले पेपर लीक नहीं होते थे, क्योंकि सरकारी प्रेस में प्रिंटिंग होती थी। अब किन्हीं वजहों से पेपर की प्रिंटिंग, OMR शीट और नई टेक्नोलॉजी सब सरकारी सिस्टम से हटा लिया गया। जानबूझकर ऐसे रास्ते अपनाए, जिससे जिसे चाहें उसे फायदा पहुंचा दें।

ये सिर्फ अपराध नहीं, मानवीय समस्या बन रही है। बच्चे ओवरऐज हो रहे हैं। सुसाइड कर रहे हैं। और आप एक्शन क्या ले रहे हैं। इसमें तो गैंगस्टर एक्ट लगाना चाहिए। दोषियों की प्रॉपर्टी जब्त करनी चाहिए।

अब तक कितने क्रिमिनल्स की प्रॉपर्टी जब्त की है। कितने अधिकारियों को बर्खास्त किया गया। इसमें शासन और प्रशासन के सबसे ऊंचे पदों पर बैठे लोग भी शामिल हैं। मेरा सरकार और बड़े अधिकारियों से सवाल है कि आप नकल रोकने के लिए गंभीर नहीं हैं। ऐसा लगता है कि कई फेज पर नकल माफिया से फायदा पहुंचाया गया है।

सवाल: पूरे देश भर पेपर लीक का नेटवर्क चल रहा है। आरोपी गिरफ्तार होते हैं, फिर छूट जाते हैं?
जवाब: 
अगर हम किसी से फायदा ले रहे हैं, तो उसकी कमर कैसे तोड़ सकते हैं। हमने कमर तोड़ी और जांच CBI तक पहुंच गई, वहां जाकर वो हमारा नाम तो नहीं ले लेगा। इसलिए ऐसी कार्रवाई करते हैं कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे। मामूली कार्रवाई की जाती है, जिससे उसकी जल्दी जमानत भी हो जाए और जुबान भी ना खुले।

पेपर लीक करने वालों पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट लगाना चाहिए। इसके बाद IPC की धाराएं लगाएं। इसके बाद गैंगस्टर एक्ट लगाएं। धारा-14 (1) में चल-अचल संपत्ति जब्त कीजिए। ये करना चाहिए, लेकिन नहीं हो रहा है। इनके अंदर इच्छाशक्ति नहीं है।

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