क्या रिकॉर्डतोड़ गर्मी मानसून पर पड़ेगी भारी मौसम की उल्टी चाल, बाड़मेर-जैसलमेर से ज्यादा तपे जयपुर-अलवर, 2 फैक्टर तय करेंगे बारिश

राजस्थान में इस बार मौसम का मिजाज बदला-बदला रहा। मई में 1 के बजाय 3 सप्ताह तक हीटवेव ने झुलसाया। बाड़मेर-जैसलमेर दुनिया के सबसे गर्म शहरों में शामिल हो गए।

जून में मौसम की चाल उल्टी है। हवा का रुख बदलने से जयपुर-अलवर जैसे जिले बाड़मेर-जैसलमेर से ज्यादा तप रहे हैं।

मई के बाद जून में भी रिकॉर्डतोड़ गर्मी बेहाल कर रही है। अब तक 75 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये रिकॉर्ड तोड़ गर्मी मानसून पर भी भारी पड़ेगी?

इस सवाल का जवाब जानने और मौसम का बदला मिजाज समझने के लिए हमने एक्सपट्‌र्स से बात की।

वायुमंडल में एंटी साइक्लोन बनने का असर
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि अप्रैल और मई महीने में जैसलमेर और बाड़मेर देश के सबसे गर्म जिले थे।

अब विंड के बदलने और वायुमंडल में एंटी साइक्लोन बनने के कारण उत्तरी राजस्थान के जिलों में जैसलमेर-बाड़मेर से भी ज्यादा गर्मी पड़ती है।

17 जून का ही उदाहरण लीजिए। जैसलमेर का तापमान 42.7 डिग्री व बाड़मेर का 42 डिग्री था। वहीं श्रीगंगानगर में 46.2, अलवर में 44.8 व जयपुर का तापमान 43.4 डिग्री रहा।

उत्तरी राजस्थान के जिलों में चलेगी हीटवेव

हवाओं के बदलने और वायुमंडल में एंटी साइक्लोन बनने के कारण उत्तरी भारत में हीटवेव चल रही है। यूपी, दिल्ली, राजस्थान के उत्तरी जिलों में हीटवेव का असर है।

राजस्थान में श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, पिलानी, अलवर, धौलपुर, जयपुर में तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री ज्यादा रहेगा।

यह गर्मी मानसून के आने के बाद कम होगी। हीटवेव दो से तीन दिन चलेगी। इसके बाद गर्मी तो रहेगी, लेकिन हीटवेव नहीं चलेगी।

मई में 1 के बजाय 3 सप्ताह हीटवेव
आमतौर पर मई में औसतन एक सप्ताह ही हीटवेव का दौर होता है, लेकिन इस साल दो स्पेल (दौर) बने। पहला स्पेल 7 मई से 10 मई तक रहा। इस दौरान पारा लगातार बढ़ता रहा। इसके बाद दूसरा स्पेल 16 मई से 31 मई तक रहा। इसमें 21 मई से भीषण लू चली। मई के कुल 31 दिनों में से 21 दिन लू और भीषण लू का दौर रहने से पारा काबू से बाहर हो गया। इस दौरान राजस्थान के अलग-अलग जिलों में पारा लगातार 47 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा बना रहा।

आईओडी : पॉजिटिव यानी ज्यादा बारिश, नेगेटिव का मतलब सूखा
इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) मानसून को काफी प्रभावित करता है। हिंद महासागर में होने वाली गतिविधियों से तय होता है कि मानसून कैसा रहेगा।

अभी आईओडी न्यूट्रल है। आईओडी के पॉजिटिव होने की संभावना है, जो ज्यादा बारिश का संकेत है। आईओडी का मतलब होता है कि वायुमंडल से समुद्र और सतह के तापमान में अंतर होने से होने वाला इफेक्ट।

इससे पहले आईओडी के पॉजिटिव होने पर वर्ष 1983, 1994 और 1997 में अलनीनो के बावजूद भारत में सामान्य से अधिक बारिश हुई थी। वहीं नेगेटिव होने पर वर्ष 1992 में बहुत कम बारिश हुई थी।

ला नीना कराएगा अच्छी बारिश
अल नीनो और ला नीना दो सबसे अहम फैक्टर हैं। अल नीनो में समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। भारत में अल नीनो के कारण मानसून अक्सर कमजोर होता है।

अभी अल नीनो प्रशांत महासागर में कमजोर है। अल नीनो इफेक्ट की न्यूट्रल कंडीशन चल रही है।

अल नीनो जुलाई में ला नीना में परिवर्तित हो जाएगा। इससे मानसून में अच्छी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले मानसून से इस बार ज्यादा बारिश होगी।

अल नीनो को जानने से पहले हम भूगोल के दो कॉन्सेप्ट्स को समझते हैं…
1. जिस भी इलाके में हवा और पानी गर्म होंगे, वहांं वो ऊपर उठने लगते हैं। अब ये समुद्र का पानी हो या हमारे चारों ओर मौजूद हवा। इस गर्म हवा या पानी की जगह लेने के लिए आस-पास के इलाकों से ठंडी हवा और पानी की धाराएं इसकी जगह लेने लगती हैं।

2. जहां भी समुद्र की सतह का पानी गर्म होगा, वहां की हवा भी गर्म होकर ऊपर उठेगी। इससे उस पूरे क्षेत्र में लो प्रेशर यानी LP बन जाएगा। इसके अलावा गर्म समुद्री पानी भाप बनकर बादल बनते हैं और यही बादल उस इलाके में बारिश करते हैं। यानी जहां लो प्रेशर (LP) वहां बारिश और जहां हाई प्रेशर (HP) वहां सूखा।

अल नीनो हो या ला नीनो, ये दोनों ही भौगोलिक घटनाएं दुनिया के सबसे बड़े महासागर प्रशांत महासागर में होती हैं।

आज से बदलेगा मौसम
20 जून को मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, कोटा, बारां, झालावाड़ में दोपहर बाद बादल छाने व धूलभरी हवा चलने के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

21 जून को गंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ के एरिया में धूलभरी हवा चल सकती है। कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

अभी मानसून के लिए एक हफ्ते इंतजार
राजस्थान में सामान्य तौर पर मानसून 25 जून को दस्तक दे देता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश समेत मध्य और उत्तर भारत के राज्यों में मानसून बंगाल की खाड़ी से आता है।

10 जून को गुजरात की सीमा पर आने के बाद मानसून ठिठक गया है। इधर, अरब सागर की ब्रांच की भी गति अब थम गई है। ऐसे में राजस्थान में मानसून के लिए एक हफ्ते इंतजार करना पड़ सकता है।

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा | विधानसभा उपचुनाव में वसुंधरा-पायलट की भूमिका होगी अहम, बीजेपी-कांग्रेस के ये दिग्गज भी दिखाएंगे अपना दम! | करंट से युवक की मौत, मासूमों के सिर से उठा पिता का साया गम मे बदली दिवाली की खुशियां | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण |