अलवर जिला अस्पताल की मॉर्चरी में अब शव रखने की जगह नहीं है। इस कारण डी फ्रिज के अलावा बर्फ का इंतजाम करना पड़ा। गुरुवार को डाबर कंपनी के काम करने वाले उड़िसा के श्रमि की मौत हो गई। जिसकी रात को ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगडी। अस्पताल लेकर आने पर दम तोड़ दिया। वहीं भगत सिंह सर्किल के पास ढाबे पर काम करने वाले कुक को जयपुर रैफर कर दिया। जिसकी बुधवार को तबीयत बिगड़ी थी। असल में बुधवार को 9 जनों की मौत हो गई थी। जिसमें 6 लावारिस शव थे और मॉर्चुरी में 8 शव ही रखने की जगह है। इस कारण बर्फ का इंतजाम करना पड़ा। ताकि शव को बदबू रहित रखा जा सके। असल में अलवर जिला अस्पताल में दो दिन में 22 जनों की मौत हुई है। जिसमें से अधिकतर हीटवेव के कारण जानें गई हैं। हालांकि चिकित्सा प्रशासन सब मौतों का कारण हीट स्ट्रोक नहीं मान रहा है।
ये बुधवार को 7 मौतें
7वीं चरवाहे की मौत
भीषण गर्मी के कारण नागौर के डीडवाना के बजोली गांव से आए भेड़ चराने वाले 24 साल के युवक कृष्णाराम पुत्र जीवनाराम की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह तीन महीने पहले भेड़ चराने आया था। एक दिन पहले सोमवार को उसकी अचानक तबीयत बिगड़ने पर उल्टियां होने लगी। पहले पिनान के हॉस्पिटल में भर्ती कराया। उसके बाद जिला हॉस्पिटल लेकर आए, जिसकी रात को मौत हो गई।
मंगलवार के दिन 13 जनों की मौत
मंगलवार के दिन जिले में 13 जनों की मौत हुई थी। वे भी अधिकतर हीटवेव के कारण जान गई। इस तरह दो दिन में कुल 21 जनों की मौत हुई है। हालांकि चिकित्सा प्रशासन सब मौत का कारण हीटवेव नहीं मान रहा। लेकिन अधिकतर लोगों की तुरंत तबीयत बिगडी और अस्पताल में मौत हो गई। इनमें से 9 से अधिक शव लावारिश मिले हैं। कुछ बुजुर्ग हैं।
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