जम्मू में चिनाब ब्रिज पर ट्रेन का ट्रायल हुआ: यह दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज, 17 जून को पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन चला था

जम्मू में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च ब्रिज पर 20 जून को ट्रेन का ट्रायल रन हुआ। इससे पहले 16 जून को ब्रिज पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल हुआ था। यह ब्रिज संगलदान और रियासी के बीच रेलवे लाइन का हिस्सा है। इस रूट पर 30 जून से ट्रेन ऑपरेट करेगी।

द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जून को बताया था कि जम्मू के रामबन में संगलदान और रियासी के बीच ट्रेन का पहला ट्रायल रन पूरा हुआ है। यह ट्रेन चिनाब ब्रिज से होकर गुजरेगी, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा स्टील आर्च ब्रिज है। अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस सफल परीक्षण की जानकारी दी।

चिनाब ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है। एफिल टॉवर की ऊंचाई 330 मीटर है, जबकि 1.3 किमी लंबे इस ब्रिज को चिनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है।

रेल मंत्री बोले- प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऊधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट के तहत सभी निर्माण कार्य लगभग पूरे हो गए हैं। टनल नंबर 1 का निर्माण थोड़ा बाकी है। USBRL प्रोजेक्ट के पूरा होते ही भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी को देश के बाकी रेलवे नेटकर्व से जोड़ने की दिशा में एक और कदम पूरा होगा।

केंद्रीय मंत्री और ऊधमपुर से भाजपा सांसद जितेंद्र सिंह ने भी 15 जून को X पर लिखा कि रामबन के संगलदान से रियासी के बीच दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर ट्रेन सर्विस जल्द शुरू होगी। ऊधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगया।

27-28 जून को रेलवे सेफ्टी कमिश्नर रूट का दौरा करेंगे

46 किमी लंबे संगलदान-रियासी रूट का 27 और 28 जून को रेलवे सेफ्टी कमिश्नर डीसी देशवाल इंस्पेक्शन करेंगे। नॉर्दर्न रेलवे के चीफ PRO दीपक कुमार ने बताया कि इंस्पेक्शन तक बाकी काम पूरा हो जाएगा।

USBRL प्रोजेक्ट 1997 से शुरू हुआ था और इसके तहत 272 किमी की रेल लाइन बिछाई जानी थी। अब तक अलग-अलग फेज में 209 किमी लाइन बिछाई जा चुकी है। इस साल के अंत तक रियासी को कटरा से जोड़ने वाली आखिरी 17 किमी लाइन बिछाई जाएगी, जिससे एक ट्रेन कश्मीर को बाकी देश से जोड़ेगी।

20 साल में बनकर तैयार हुआ यह ब्रिज

आजादी के 76 साल पूरे होने के बाद भी कश्मीर घाटी बर्फबारी के सीजन में देश के दूसरे हिस्सों से कट जाती थी। 22 फरवरी 2024 तक कश्मीर घाटी तक सिर्फ नेशनल हाईवे- 44 के जरिए जाया जा सकता था। बर्फबारी होने पर कश्मीर घाटी जाने वाला ये रास्ता भी बंद हो जाता था।

इसके अलावा कश्मीर जाने के लिए जम्मू-तवी तक ही ट्रेन जाती थी, जहां से करीब 350 किलोमीटर लोगों को सड़क मार्ग से जाना पड़ता था। जवाहर टनल होते हुए गुजरने वाले इस रास्ते से लोगों को जम्मू-तवी से घाटी जाने के लिए 8 से 10 घंटे का समय लग जाता था।

2003 में भारत सरकार ने सभी मौसम में कश्मीर घाटी को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए चिनाब ब्रिज बनाने का फैसला लिया। इसी साल सरकार ने चिनाब ब्रिज परियोजना पर मुहर भी लगा दी। 2009 तक इस ब्रिज को बनकर तैयार होना था। हालांकि, ऐसा नहीं हो पाया।

अब करीब 2 दशक के बाद चिनाब नदी पर बना ये ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। यह ब्रिज 40 किलो तक विस्फोटक और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता तक का भूकंप भी झेल सकता है। इस ब्रिज को अगले 120 साल के लिए बनाया गया है।

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण | विनेश फोगाट का अधूरा सपना पूरा करेगी काजल, अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में जीता गोल्ड | चिकित्सा मंत्री की पहल पर काम पर लौटे रेजीडेंट, चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत, समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश | लोहागढ़ विकास परिषद के बाल-गोपाल, माखन चोर, कृष्ण लीला, महारास कार्यक्रम में देवनानी होंगे मुख्य अतिथि |