अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को सुबह 7 बजे श्रीनाथपुरम स्थित इंडोर स्टेडियम में जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में सभी राजकीय विभाग, स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग के विद्यार्थी एवं शहरवासी शामिल रहे। इस साल 10 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'स्वयं एवं समाज के लिए योग' रही।
योग करने आई व्याख्याता रचना शर्मा ने बताया कि योग से कई लोगों के जीवन में बदलाव आया है। मानसिक और शारीरिक रूप से लोग मजबूत बने हैं। कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों को लगातार योग करने से फायदा भी मिला है। थायराइड और साइटिका जैसी बीमारियों से राहत मिली है। वह खुद साइटिका से परेशान थी। लगातार योग के चलते उन्हें इस परेशानी से छुटकारा मिला।
किरण सिंह ने बताया कि उन्हें थायराइड की परेशानी थी। बीपी भी बढ़ा हुआ था। ढाई तीन सौ एमजी की दवा खानी पड़ती थी। योग प्राणायाम से थाइरायड में काफी राहत मिली है। अब दवा भी 25 एमजी पर आ गई है। बीपी कंट्रोल रहता है।
शारीरिक शिक्षक रचना शर्मा ने बताया कि वह करीब बीस साल से योग कर रहीं है। योग से उनकी साइटिका की परेशानी दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि उन्हें साइटिका हो गया था।डॉक्टर्स ने ऑपरेशन के लिए कहा। लेकिन योग शलभासन की मदद से उन्हें इस बीमारी से राहत मिली है।
स्टूडेंटस ने किया योग, बोले-मानसिक शांति मिलती है
स्टूडेंट्स ने कहा कि जब भी उन्हें समय मिलता है योग करते है। इससे दिमाग शांत रहता है। एकाग्रता बढ़ती है और पढ़ाई में मदद मिलती है।
योग करने पहुंची छात्रा ने बताया कि योग से मानसिक रूप से शांति मिलती है और शरीर भी स्वस्थ रहता है।
गुरुवार शाम को कीर्तांशम् दी ग्रुप ऑफ़ सोशल अवेयरनेस संस्थान की ओर से योग दिवस के पूर्व श्रीनाथपुरम स्थित तरण ताल में जल योग की क्रिया करवाई गई। संस्थान की अध्यक्ष स्नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यक्रम के तहत तैराकी के राष्ट्रीय प्रशिक्षक विजय कुमार जांगिड़ ने श्ववासन, ताड़ासन, वृक्षासन, पद्मासन एवं मत्स्यासन के बारे में जानकारी देते हुए योग क्रिया करवाई। योग से जुड़ा जल योग भी है इसलिए प्रशिक्षणार्थियों को इसके बारे में जानकारी दी गई । इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चों व बड़ों ने भाग लिया। जल में योग बहुत पुराना है। इसका अपने आप मे एक अलग महत्व है।
इससे तनाव भी दूर होता है वहीं दूसरी ओर शरीर को लाभ मिलता है। यह भी एक योग की विधा है। इस अवसर पर डॉ॰ मीरा सक्सेना ने बताया कि जल में योग बहुत पुराना है। इसका अपने आप मे एक अलग महत्व है । इससे तनाव भी दूर होता है वहीं दूसरी ओर शरीर को लाभ मिलता है। यह भी एक योग की विधा है। इस अवसर पर प्रो. विनोद महोबिया सर्प एवं मानव कल्याण संस्था की डॉ॰ मेघा महोबिया सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।
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