नीट पेपर लीक मामले की जांच जारी है। साथ ही बिहार सरकार का एक्शन भी शुरू हो गया है। पथ निर्माण विभाग ने तीन कर्मियों पर कार्रवाई की है। विभागीय मंत्री ने दो अभियंता और एक क्लर्क को सस्पेंड किया है। सुपरिटेंडेंट इंजीनियर उमेश राय, असिस्टेंट इंजीनियर धर्मेन्द्र कुमार धर्मकांत और कार्यालय कर्मी प्रदीप को सस्पेंड किया गया है।
तीनों कर्मियों पर आरोप है कि इनलोगों ने तथ्य को छिपाया। साथ हीं गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाकर विभाग को अंधेरे में रखा। यह कार्रवाई उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा के आदेश पर की गई है। बता दें कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि निरीक्षण भवन की बुकिंग पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पीएस और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रीतम कुमार के पत्र पर की गई थी।
सूत्रों के अनुसार अब इस मामले में एसआईटी प्रीतम कुमार से पूछताछ कर सकती है। इसी निरीक्षण भवन में जेल में बंद निलंबित जेई सिकंदर यादवेंदु ने अपनी सरहज रानी कुमारी और रानी के बेटे अनुराग को ठहराया था। सिकंदर यादवेंदु, अनुराग का फूफा है।
इधर बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी परीक्षा माफिया के पास से बरामद सबूतों और अनुसंधान के दौरान सामने आए वैज्ञानिक तथ्यों के साथ गुरुवार को दिल्ली गए। दिल्ली में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों से मिलेंगे और इन साक्ष्यों को रखेंगे। इसके बाद जांच एजेंसी आगे की कार्रवाई करेगी।
इधर आरोपी की जमानत पर सुनवाई टल गई है, अब 25 जून को मामले की सुनवाई होगी।
नीट पेपर लीक मामले में यह चौथी करवाई
पथ निर्माण विभाग के तीन कर्मियों के सस्पेंड के साथ बिहार में यह चौथी कार्रवाई मानी जा रही है। पथ निर्माण विभाग के इस कार्रवाई के पहले, जल संसाधन विभाग में इंजीनियर को सस्पेंड किया गया था। जल संसाधन विभाग ने जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यदुवंशी को 4 जून को सस्पेंड किया था। नगर और आवास विभाग के रिकमेंडेशन पर जल संसाधन विभाग ने ये कार्रवाई की थी।
आरोपी की जमानत पर सुनवाई टली
नीट पेपर लीक के तार नालंदा जिले के नगरनौसा के रहने वाले संजीव मुखिया से जुड़ रहे हैं। इसका रोल NEET (UG) पेपर लीक मामले में स्पष्ट हो चुका है। इसके शामिल होने की बात पुलिस की जांच में सामने आ चुकी है। यही वजह है कि पुलिस की कार्रवाई के शुरू होने के बाद से ये फरार है। फरार संजीव मुखिया ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है, जिस पर आज होने वाली सुनवाई टल गई है। मामले पर अब 25 जून को सुनवाई होगी।
सिकंदर और नीतीश ने कई लोगों से लिए थे 30-35 लाख के चेक
बेउर जेल में बंद परीक्षा माफिया को दो दिन पहले एसआईटी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। गया के सरवदहा के रहने वाले नीतीश कुमार ने अपने बयान में चौंकाने वाली बात कही है।
उसने कहा कि गिरोह ने साल 2023 में भी नीट यूजी का प्रश्नपत्र लीक कराने की कोशिश की थी, लेकिन समय से प्रश्नपत्र नहीं मिला था। इस वजह से इसे सॉल्वर से हल नहीं करा पाया।
नीतीश के बयान की पुष्टि इस बात से होती है कि सिकंदर यादवेंदु ने रांची के कांके के रहने वाले ठेकेदार अवधेश से साल 2023 में 40 लाख के दो चेक लिए थे। साथ ही यह करार किया था कि आपके बेटे को नीट यूजी 2023 की परीक्षा पास करा दी जाएगी, लेकिन प्रश्नपत्र सही समय पर नहीं मिलने की वजह से खेल बिगड़ गया।
साल 2024 में सिकंदर ने ही अवधेश को फोन किया और कहा कि इस बार की सेटिंग पक्की है और नीट यूजी का प्रश्नपत्र और उत्तर समय से उपलब्ध करा दिया जाएगा।
इसके बाद अवधेश बेटे अभिषेक कुमार को लेकर 3 मई को ही पटना पहुंच गया था। यहां वह बेटे के साथ बाईपास स्थित एक होटल में रुका।
वहां से 4 मई की रात सिकंदर ने उनके बेटे अनुराग को अपनी कार से रिसीव किया और उसे खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में पहुंचा दिया। इसके अलावा भी सिकंदर और नीतीश ने 2023 में कई लोगों से 30-35 लाख का चेक ले लिया था।
एनटीए ने जांच एजेंसी को 11 अभ्यर्थियों का डिटेल उपलब्ध कराया है। इनमें सात लड़कियां हैं। दो लड़कियों और उनके अभिभावक से एसआईटी पूछताछ कर चुकी है। एक लड़की पटना के चर्चित अस्पताल के डॉक्टर की बेटी है।
वहीं दूसरी बख्तियारपुर की रहने वाली है। सूत्रों की मानें तो शेष अभ्यर्थियों में डॉक्टर, ठेकेदार और प्रशासनिक अधिकारियों के बच्चे भी शामिल हैं। जो अभ्यर्थी पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें एसआईटी दोबारा नोटिस भेजेगी।
जिस चिंटू के मोबाइल पर आया प्रश्नपत्र, वह संजीव मुखिया का बेहद करीबी : संजीव मुखिया ने कोर्ट अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है। उसने खुद को निर्दोष बताया है। हालांकि जांच में उसकी संलिप्तता आ रही है।
नीतीश ने अपने बयान में खुलासा किया कि खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल के ठिकाने पर उसने अमित आनंद, रौशन, आशुतोष के साथ मिलकर अलग-अलग जगहों से अभ्यर्थियों को लेकर 4 मई की रात को पहुंचा था। वहां पहले से चिंटू उर्फ बलदेव और पिंटू मौजूद थे।
5 मई की सुबह करीब नौ बजे चिंटू के मोबाइल पर प्रश्नपत्र और उत्तर आया। इसे प्रिंट कर बच्चों को रटने के लिए दे दिया गया। इसके बाद सभी को कार से परीक्षा केंद्र पर छोड़ दिया गया। चिंटू नालंदा के करायपरसुराय के गुल्हरिया बिगहा का रहने वाला है। वहीं संजीव मुखिया पास के ही नगरनौसा का रहने वाला है। चिंटू संजीव मुखिया का बेहद करीबी है।
संजीव मुखिया ने चिंटू और पिंटू को पटना की सारी जिम्मेवारी दी थी। नीतीश ने खुलासा किया कि राकेश रंजन उर्फ रॉकी, नीतीश यादव, नीतीश पटेल सहित कई अन्य लोग हैं, जो इस जालसाजी में शामिल हैं। एसआईटी इन परीक्षा माफियाओं की तलाश में छापेमारी कर रही है।
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