पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय शुरू हुई चिरंजीवी योजना को बंद कर सरकार ने नए सिरे से स्कीम लाने की तैयारी कर ली है। चर्चा है इस स्कीम में केन्द्र सरकार की हेल्थ स्कीम की तर्ज पर 5 लाख रुपए तक का ही इलाज मुफ्त मिलेगा। क्योंकि सरकार का मानना है कि अधिकांश बीमारियों का इलाज 4 से 5 लाख रुपए तक में हो सकता है।
इस योजना को लेकर कई बड़े सवालों के जवाब आना अभी बाकी हैं। जैसे- कैंसर, किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त होगा या नहीं? क्या नई पॉलिसी में बीमा राशि बढ़ाई जाएगी? नई योजना के तहत इलाज मिलना कब तक शुरू हो जाएगा? क्या 70 साल से ज्यादा उम्र के वृद्ध लोगों को भी योजना में शामिल किया जाएगा?
क्या चिरंजीवी योजना बंद कर दी गई है?
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से चिरंजीवी योजना को चुनाव के दौरान अघोषित तौर पर सरकार ने बंद कर दिया था। इस कारण अप्रैल-मई महीने में इंश्योरेंस का रिनुअल विंडो को केवल 2 दिन खोलने के बाद उसे बंद कर दिया। लेकिन आमजन के विरोध को देखते हुए सरकार ने आचार संहिता हटने के बाद दोबारा इसके रजिस्ट्रेशन और रिनुअल को चालू करवा दिया।
अब राजस्थान में कौनसी स्वास्थ्य बीमा योजना काम करेगी, कितने का इलाज मुफ्त में होगा?
अभी सरकार ने इस योजना का नाम चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से बदलकर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (MAA) कर दिया गया है। सरकार इस वित्तवर्ष में इसी योजना को चलाएगी। इसमें पहले की तरह 25 लाख रुपए तक की सुविधा मिलती रहेगी।
चिरंजीवी में भी 25 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा थी। लेकिन सरकार विचार कर रही है कि इस योजना को अलगे वित्तवर्ष से केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना की तर्ज पर किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री का दावा है कि सुविधा उतनी ही मिलती रहेगी, हम योजना का स्ट्रक्चर बदलेंगे।
आखिर क्यों घटाया गया योजना का दायरा?
राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि पिछली सरकार की चिरंजीवी योजना की जांच और रिव्यू करवाया तो एक भी केस ऐसा नहीं निकला, जिसमें 25 लाख रुपए तक का इलाज हुआ और उसका भुगतान हुआ हो। केवल 2-4 केस ही ऐसे थे, जिसमें 13 लाख रुपए का भुगतान हुआ था।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में पिछले एक साल की रिपोर्ट देखें तो जितने भी चिरंजीवी हेल्थ इंश्योरेंस के तहत क्लेम का भुगतान हुआ उसमें 95 फीसदी से ज्यादा 3 लाख रुपए तक के ही हैं। कई छोटे-बड़े हॉस्पिटल और डॉक्टरों ने इस योजना का गलत फायदा उठाया है। अब हमारी सरकार नई स्कीम में हॉस्पिटलों का जोड़ने का काम नए सिरे से करेंगे।
कौन-कौनसी बीमारियों का इलाज मुफ्त में हो सकेगा?
योजना के तहत हर्ट सर्जरी, से लेकर हिप सर्जरी, घुटनों का रिप्लेसमेंट से लेकर बाईपास सर्जरी समेत तमाम बीमारियां इसमें शामिल की गई हैं। योजना में 1500 से अधिक तरह के टेस्ट भी मुफ्त में होंगे। प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस इलाज हो सकेगा।
किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों वाले रोगियों का क्या होगा?
मंत्री खींवसर ने बताया कि हमारी कोशिश है कि लोअर और मिडिल इनकम ग्रुप के लोगों को मेडिकल हेल्थ स्कीम का फायदा मिले। इलाज के लिए भर्ती मरीज का जल्द से जल्द क्लेम पास हो। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए हम एक अलग से बजट भी निर्धारित करेंगे, जिनको किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट, बोनमेरो ट्रांसप्लांट या कैंसर का इलाज करवाना है, वो उस बजट का प्रयोग कर सकेंगे।
इसके तहत सरकार मरीज या हॉस्पिटल को डायरेक्ट भुगतान कर सके इस पर हम विचार कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि केंद्र से भी मदद की उम्मीद है। वह खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिलकर राज्य के लिए मदद की गुहार लगाएंगे।
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