जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय केंद्रीय कार्यालय के बाहर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। 13 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्र नेता धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है। पुलिस ने केंद्रीय कार्यालय के गेट के बाद बैरिकेडिंग की है। उसके चलते सभी छात्र नेता बाहर ही धरने पर बैठे हैं।
एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री सचिन राजपुरोहित ने बताया कि पिछले तीन माह से एबीवीपी की ओर से यूनिवर्सिटी के कुलपति को विभिन्न मांगों को लेकर अवगत करवाया गया है। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि उनकी प्रत्येक मांग विद्यार्थियों के हित में है। पिछले तीन माह में 84 सूत्रीय, 17 सूत्रीय मांगों सहित अलग-अलग मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया गया जबकि आज तक यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है।
एबीवीपी की ये मांगे
1. छात्र संघ चुनाव के लिए कुलपति, उच्च शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री जी को दो दिवस मे पत्र लिख कर आग्रह करें।
2. विश्वविद्यालय की सिंडिकेट से वित्तीय अनियमितता के आरोपी प्रो. केआर पटेल को हटाया जाए।
3. सेमेस्टर परीक्षाओं की फीस कम की जाए एवं वर्तमान में चल रहे परीक्षा आवेदन की तिथि को बढ़ाया जाए।
4. विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में छात्र छात्राओं के लिए कैंटीन एवं शौचालय की व्यवस्था की जाए एवं छात्राओं के लिए कॉमन रूम और ई-मित्र की व्यवस्था की जाए।
5. सभी संकायों में शुद्ध पेयजल शौचालय की साफ सफाई कक्षा कक्षों की साफ सफाई सुनिश्चित की जाए तथा CCTV एवं गार्ड की व्यवस्था की जाए।
6. विश्वविद्यालय के सभी परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थीयों के बैग सामान के लिए निशुल्क व्यवस्था की जाए।
7. विश्वविद्यालय में सभी संकायों की नियमित कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी अधिष्ठताओं को पाबंद किया जाए।
8. विश्वविद्यालय के सभी बैंक खातों का हस्तांतरण सार्वजनिक बैंक से निजी बैंकों को करने की प्रकिया को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए।
9. संविधान पार्क में हुई अनियमितताओं के दोषियों पर कार्यवाही की जाए एवं संविधान निर्माताओं की प्रतिमाएं स्थापित की जाए।
10. कैंपस से संबंधित विद्यार्थियों के आत्महत्या के प्रकरण सामने आये हैं, कैंपस से संबधित छात्र छात्राओं को अवसाद मुक्त करने के लिए जीवन परामर्श केंद्र खोलें जाएं।
11. ऑनलाइन फर्म की अनियमितताओं को दरकिनार कर पुनः उसी फर्म से अधिक राशि पर एग्रीमेंट किया गया है, फर्म के खिलाफ गंभीर शिकायतें हैं इस फर्म के एग्रीमेंट तुरंत निरस्त किए जाए।
12. विश्वविद्यालय में गत तीन वर्षों में हुई वित्तीय एवं पदोन्नति प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जांच की जाए।
13. विश्वविद्यालय में अस्थायी कुशल/अकुशल कर्मियों की संख्या विभागवार विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक करे, तथा फर्मों की जानकारी भी सार्वजनिक करें।
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