उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री केके विश्नोई ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश में कृषि आदानों के परीक्षण के लिए 7 राज्य बीज परीक्षण प्रयोगशालाएं, 7 राज्य उर्वरक परीक्षण प्रयोगशालाएं तथा एक राज्य जैव उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला संचालित हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि एक समन्वित उर्वरक,बीज एवं कीटनाशक परिक्षण प्रयोगशाला सीकर जिले में निर्माणाधीन है, जिसका कार्य अगले वर्ष मार्च माह तक पूरा कर लिया जाएगा।
उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का कृषि मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ जिले द्वारा वर्तमान में गंगानगर जिला स्थित बीज एवं उर्वरक परीक्षण प्रयोगशालाओं को उपयोग में लिया जाता है।
इससे पहले विधायक विनोद कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री ने कहा कि जिला हनुमानगढ़ में विगत पांच वर्षों में नकली बीज का एक भी प्रकरण प्राप्त नही हुआ।
नकली डीएपी के संदर्भ में दो प्रकरणों में कुल 662.8 क्विंटल आदान की विभाग द्वारा जब्ती की कार्यवाही कर पुलिस थाना नोहर एवं खुईयां में वर्ष 2022 में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने कहा कि उक्त प्रकरणों में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 420, 467, 468 व 120 – बी में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है, जिस पर पुलिस द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बीज, खाद एवं डीएपी का उत्पादन, भण्डारण एवं विक्रय आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968, बीज नियंत्रण आदेश 1983 व उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत किया जाता है।
उन्होंने बताया कि उक्तानुसार अधिनियम, नियम, नियंत्रण आदेशों में संशोधन एवं नये प्रावधान जोड़ने का क्षे़त्राधिकार केन्द्र सरकार का है। इस संबध में राज्य सरकार के स्तर से कोई कानून नहीं बनाये जाते हैं।
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