जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने विधानसभा में कहा कि धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत प्रयोग में लिए गए पाइपों की थिकनेस भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के तकनीकी अध्ययन के आधार पर निर्धारित की गयी है। उन्होंने कहा कि पाइपों की गुणवत्ता में नियम विरुद्ध परिवर्तन किया गया है, तो समिति द्वारा इसकी जाँच करा कर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी
जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि धौलपुर में कालीतीर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का कार्यादेश जीवीपीआर कम्पनी को दिया गया था। रावत ने सदन को आश्वस्त किया कि कम्पनी द्वारा दिए गए शपथ पत्र के सभी तथ्यों की जाँच करवाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
इससे पहले विधायक शत्रुघन गौतम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जल संसाधन विभाग को योजनाओं हेतु वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित अनुमान के अनुसार 4854.36 करोड रूपये बजट आंवटित किया गया था।
विभाग द्वारा परियोजनाओं की डी.पी.आर. तैयार कर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जाती है। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं को पूर्ण करने की अवधि सामान्यतया: एक वर्ष से अधिक होती है, जिससे बजट की मांग वर्षवार, अनुमानित की जाती है तथा परियोजना पर कार्य करवाये जाने हेतु निविदा आंमत्रित की जाती है।
उन्होंने बताया कि आमंत्रित निविदाओं की कुल राशि उस कार्य हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति की सीमा तक होती है परन्तु आंमत्रित की गई निविदाओं की कुल राशि उस वर्ष हेतु आंवटित बजट से अधिक होना स्वभाविक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान स्वीकृत संशोधित बजट अनुमान के अनुसार 4854.36 करोड रूपये के विरूद्ध 3726.79 करोड रूपये व्यय किये गये।
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