मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन को संवेदनशील, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं अभियोजन स्वीकृति के विचाराधीन विभिन्न प्रकरणों का प्राथमिकता से निस्तारण किया।
मुख्यमंत्री ने 7 प्रकरणों में सेवारत अधिकारियों को सीसीए नियम 16 एवं 17 के अन्तर्गत दण्डित करने तथा 4 सेवानिवृत्त अधिकारियों पर आरोप के समानुपातिक पेंशन रोकने का निर्णय किया। साथ ही, सेवानिवृत्त अधिकारी के विरूद्ध संचालित एक अन्य प्रकरण में प्रमाणित आरोप का अनुमोदन तथा 2 प्रकरणों में आरोप अप्रमाणित पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों को दोषमुक्त किया।
शर्मा ने राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार के प्रकरणों में न्यायालय से दोषसिद्धि के 2 प्रकरणों में दोषी चिकित्सकों को राजकीय सेवा से पदच्युत किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के अन्तर्गत प्रस्तुत 3 प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति भी प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने सीसीए नियम 34 में प्रस्तुत 3 पुनरावलोकन याचिकाएं संतोषजनक तथ्यों के अभाव में खारिज तथा अनिवार्य सेवानिवृति के 1 प्रकरण में प्रस्तुुत अपील अंतर्गत नियम 53(4) को अस्वीकार किया। साथ ही, धारा 17-ए के 2 प्रकरणों में प्रथम दृष्टया कार्यवाही योग्य नहीं होने से परिवाद पंजीबद्ध कर विस्तृत जांच एवं अनुसंधान करने की अनुमति प्रदान नहीं की।
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