भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के पद संभालने के साथ ही नई टीम को लेकर कवायद तेज हो गई है। मौजूदा प्रदेश पदाधिकारियों की टीम के कुछ नेताओं को प्रमोशन मिलेगा, वहीं कई कम सक्रिय लोगों को कार्यकारिणी से आउट किया जाएगा।
नई टीम में सामाजिक व क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही अनुभव वाले नेताओं को तव्वजो दी जाएगी। भाजपा के मोर्चा व समितियों का भी पुनर्गठन किया जाएगा। इसके बाद जिलों में नई कार्यकारिणी बनेगी बनेगा। अध्यक्ष मदन राठौड़ ने टीम के सदस्यों को लेकर फीडबैक भी लिया है। बताया जा रहा है कि मदन राठौड़ टीम में 50 फीसदी युवा पदाधिकारियों को मौका मिलेगा, ताकि प्रदेश कार्यकारिणी नई ऊर्जा व मेहनत से काम करे। टीम में आंशिक या पूर्ण फेरबदल विधानसभा उपचुनावों के पहले किया जा सकता है। उपचुनाव व राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद टीम को पूर्णता मिलेगी। राठौड़ आगामी पंचायत व नगरीय निकायों के चुनाव को देखते हुए अपनी टीम का गठन करेंगे। पूर्व अध्यक्ष सीपी जोशी ने अपनी टीम में दो बार फेरबदल किया था।
नई टीम से सभी गुटों का होगा संतुलन
नए अध्यक्ष राठौड़ के सामने वरिष्ठ नेताओं के सभी गुटों के साथ तालमेल रखते हुए नया संगठन व नई कार्यकारिणी बनाने की चुनौती है। ताकि पार्टी एकजुट रहे और विधानसभा व लोकसभा चुनावों में टिकट से वंचित रहे नेताओं को संतुष्ट किया जा सके। भाजपा में संगठन महामंत्री का पद खाली चल रहा है।
पद खाली होने से भाजपा व आरएसएस में तालमेल को लेकर चर्चाएं चली और पार्टी लोकसभा की 11 सीट हार गई। गौरतलब है कि गुटबाजी व वरिष्ठ नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचने पर डेढ़ साल पहले सीपी जोशी को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। जोशी ने सभी धड़ों को साथ लेकर चलने की कोशिश की, लेकिन ब्राह्मण सीएम बनने व लोकसभा की 11 सीट हारने के बाद जोशी को बदल दिया।
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