केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव के मुख्य आतिथ्य एवं वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा की अध्यक्षता में अलवर के भूरासिद्ध मंदिर वन क्षेत्र में विकसित किए जा रहे मातृ वन में 75वां जिला स्तरीय वन महोत्सव आयोजित हुआ जिसमें ‘एक पेड मां के नाम अभियान’ के तहत जनसहभागिता से एक साथ 8 हजार से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। अतिथियों ने दिलाई पौधारोपण संरक्षण संवर्धन शपथ।
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यादव ने कहा कि एक पेड मां के नाम अभियान के तहत अलवर को हराभरा एवं स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से मातृ वन में आज मातृ वन शिलान्यास पट्टिका का उद्घाटन कर तथा पौधारोपण कर वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया गया है
जिसमें जिला प्रशासन, वन विभाग व अन्य विभाग, सामाजिक संस्थाओं, पर्यावरण प्रेमियों एवं बडी संख्या में आमजन ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाकर 8 हजार से अधिक पौधे लगाए हैं इनमें बड, पीपल, बेडा, ढाक, बील, आंवला, बेर आदि के पौधे शामिल है।
केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण व धरती माता के प्रति अपनी कृतज्ञता जताने के उद्देश्य से एक पेड मां के नाम अभियान का शुभारम्भ किया था जिससे जुडकर अब तक करीब 26 करोड लोगों ने पौधारोपण कर उसकी फोटो पोर्टल पर अपलोड की है।
उन्होंने कहा कि हरियाली अमावस्था के पावन अवसर पर आज अलवर की इस पावन धरा पर वृहद स्तर पर एक पेड मां के नाम अभियान का शुभारम्भ हुआ है यह भारतीय संस्कृति और पर्यावरण दोनों के लिए एक सुखद संयोग है। उन्होंने कहा कि अगले चरण में यहां फल व औषधियों के 8 हजार से अधिक पौधे भी लगाए जाएंगे। अलवर को हराभरा व स्वच्छ बनाने हेतु 16 ब्लॉकों में बांटा गया है जिसमें सघन वक्षृपारोण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को आगे बढाने के लिए हर वर्ष इसी मातृवन में सघन पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने शहरवासियों से भी इस अभियान से जुडने की अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति ना केवल पौधा लगाए बल्कि उसकी सार-संभाल भी करें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के बजट में वन मंत्री संजय शर्मा के प्रयासों से अलवर जिले को कई सौगातें मिली है जिसमें बायोलोजिकल पार्क, साइंस पार्क, सिलीसेढ झील से शहर को जलापूर्ति, भाखेडा बांध, नटनी का बारा से जयसमंद नहर का निर्माण, ईआरसीपी की पेयजल योजना जो कि सीधे पर्यावरण से जुडी हुई है इसके साथ अन्य कई बडी सौगातें अलवर जिले को मिली है इनसे शहर का सौन्दर्यकरण के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढावा मिलेगा।
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