हरियाली तीज के पवित्र अवसर पर 7 अगस्त पर माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रेरणा से शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस दिन प्रदेशवासियों द्वारा एक साथ एक ही समय में करोड़ों पौधे लगाये जायेगें जो अपने आप में एक कीर्तिमान होगा।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आज इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से 7 अगस्त को हरियाली तीज के अवसर पर हम सब राजस्थान वासी एक साथ “एक पेड़ मां के नाम” का पौधा लगायेंगे और उसकी सार संभालकर पूर्ण वृक्ष बनायेंगे ताकि तपती धरती को इस भीषण गर्मी और निरतंर बढते तापमान से राहत दिलाई जा सके।
दिलावर ने बताया कि इसके लिये व्यापक तैयारियां की गई है। विद्यालयों में वृक्षारोपण की गतिविधि के लिए यूथ एण्ड ईको क्लब के माध्यम से 37 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया है। विगत तीन महीनों से लगातार प्रदेश का सघन दौरा कर प्रदेश की जनता को वृक्षारोपण की मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
कोटा, जोधपुर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, पाली, नागौर, जयपुर, नीमकाथाना, झुंझुंनू, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, बांरा, झालावाड़ आदि जिलों का दौरा कर 200 से अधिक बैठकें समाज के सभी वर्गो के साथ की हैं। शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग द्वारा तय किया गया है कि सरकारी व निजी विद्यालयों सहित विभाग के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी रहेगी तथा सभी पौधारोपण करेंगें।
पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित कियाः- पौधारोपण अधिक से अधिक संख्या में हो इसके लिए लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 12 तक सभी विधार्थी उतने पौधे लगायेंगे जितने उनके परिवार में सदस्य हैं। औसतन कम से कम 5 पौधंे प्रत्येक विधार्थी को लगाना होगा। तृतीय श्रेणी के अध्यापक कम से कम 5 पौधें द्वितीय श्रेणी के अध्यापक 10 पौधे तथा प्रथम श्रेणी (व्याख्याता) कम से कम 15 पौधे लगायेगें।
पौधे लगाने के बाद सभी को पौधौं की फोटो जियोटेगिंग के साथ एप पर अपलोड करनी है। सभी पौधौं की ऑनलाईन एप के माध्यम से सघन मॉनिटरिंग की जायेगी।
कहां-कहां लगेंगे पौधेः-सरकार ने सघन वृक्षारोपण को देखते हुए प्रत्येक राजकीय कार्यालय परिसर, खेल मैदान में पौधारोपण करने के निर्देश दिये है। राजकीय विद्यालयों, निजी विद्यालय परिसरों के साथ-साथ चारागाह, राजकीय भूमि, निजी खातेदारी भूमि तथा सड़क किनारे व गांव के सार्वजनिक स्थलो पर पौधारोपण किया जा सकता है।
गड्डे खोदने की व्यवस्थाः-कार्यक्रम हेतु आवश्यक तैयारियों यथा गड्डे खोदना पौधे उपलब्ध करवाने आदि की समुचित व्यवस्थाएं तत्काल करने के निर्देश दिये गये है। लगाये गये पौधों की आगामी चार वर्ष तक समुचित देखभाल की जानी है। इस हेतु पौधों की सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं यथा फैंसिंग, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।
समाज के विभिन्न वर्गो की रहेगी भागीदारीः-पौधारोपण कार्यक्रम में स्थानीय जनता प्रमुख नागरिक, एनजीओ, ट्रस्ट, जनप्रतिनिधि, साधु-संत, गौशाला संचालक, व्यवसायी, प्रौफेश्नल, भामाशाह आदि को जोड़ा गया है।
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